प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत तकनीकी संस्थान युवाओं को देंगे ट्रेनिंग और स्वरोजगार में करेंगे मदद

युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए उनको विभिन्न प्रकार की ट्रेनिंग देने की शुरुआत की जा रही है। अलग-अलग मॉड्यूल में दी जाने वाली यह ट्रेनिंग 240 से लेकर 400 घंटे तक की होगी। शहर के 8 टेक्निकल संस्थान 2018-19 के शैक्षणिक सत्र में अब युवाओं को कौशल विकास की ट्रेनिंग भी देंगे। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत नेशनल स्टीयरिंग कमेटी ने देशभर के टेक्निकल संस्थानों का चयन कर लिया है, इसमें शहर के भी तकनीकी शिक्षण संस्थान भी शामिल हैं। एक्सपर्ट डॉ. मनीष दीक्षित ने बताया कि संस्थान की जिम्मेदारी केवल ट्रेनिंग देने तक नहीं रहेगी, बल्कि ट्रेनिंग लेने वाले युवाओं को कहीं जॉब मिली या फिर उन्होंने खुद का स्वरोजगार शुरू किया। इसकी एक सूची बनाकर एआईसीटीई की वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी।

अलग-अलग मॉड्यूल में यह ट्रेनिंग 240 से लेकर 400 घंटे तक की होगी

एक बैच में 25 से 100 सीट अधिकतम

चयनित संस्थानों में अलग-अलग स्पेशलाइजेशन की ट्रेनिंग होगी और एक बैच में कम से कम 25 और अधिकतम 100 सीट रखी गई हैं। इनमें 50 और 75 का स्लॉट भी है। इसमें शामिल होने वाले युवाओं की आधार बेस्ड अटेंडेंस ली जाएगी।

इनमें दी जाएगी ट्रेनिंग

असिस्टेंट इलेक्ट्रिशियन, फील्ड टेक्निशियन एसी, फील्ड टेक्निशियन कम्प्यूटिंग, मोबाइल फोन हार्डवेयर रिपेयर टेक्निशियन, फील्ड टेक्निशियन एनर्जी एंड स्टोरेज, सीसीटीवी इंस्टॉलेशन टेक्निशियन, डोमेस्टिक आईटी हेल्प डेस्क अटेंडेंट, असिस्टेंट सर्वेयर, सॉफ्टवेयर डवलपर सहित अन्य हैं।

शहर के इन संस्थानों को किया गया शामिल

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत शहर के 8 शिक्षण संस्थानों का चयन किया गया है। इनमें एमआईटीएस, आईटीएम, आईपीएस, एनआरआई, विक्रांत इंस्टीट्यूट, एलएनसीटी, श्रीराम कॉलेज और मालवा इंस्टीट्यूट शामिल हैं।

15 सितंबर से शुरू होगी ट्रेनिंग

एआईसीटीई ने चयनित संस्थानों को 15 सितंबर तक ट्रेनिंग शुरू करने के निर्देश दिए हैं। एक्सपर्ट ने बताया कि इसके लिए संबंधित संस्थान को फंड भी दिया जाएगा, जो चार किस्तों में आएगा। इसका रेशियो 30:30:20:20 का रहेगा। यह भी बताया गया है कि एक प्रतिभागी की एक घंटे की ट्रेनिंग पर कम से कम 42 रुपए का खर्च आएगा।

कम रखी गई क्वालिफिकेशन

एक्सपर्ट के अनुसार ट्रेनिंग के लिए क्वालिफिकेशन कम रखी गई है, इसका सीधा उद्देश्य ऐसे युवाओं को फायदा देना है जो स्किल में अच्छे हैं, लेकिन क्वालिफिकेशन कम है। इसमें 5वीं, 8वीं, 10वीं, 12वीं से लेकर आईटीआई सहित मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक, फार्मेसी, इंडस्ट्रियल, प्रोडक्शन सहित अन्य विषयों में डिप्लोमा रखी गई है।

इन्फ्रास्ट्रक्चर का मिलेगा फायदा

एक्सपर्ट के मुताबिक टेक्निकल संस्थानों के चयन का उद्देश्य उनके इन्फ्रास्ट्रक्चर का फायदा युवाओं को दिलाना है। कौशल विकास के लिए लैब के साथ कई टेक्निकल चीजों की जरूरत होती है, जो टेक्निकल संस्थानों में पहले से ही मौजूद हैं।

Note: News shared for public awareness with reference from the information provided at online news portals. For more Tenders, Request for Proposals (RFP), Expression of Interest (EOI), Jobs, Events, Important Notifications, Schemes, Projects etc. read SKILL REPORTER or Follow SKILLREPORTER on Facebook / Twitter / Linkedin / Google