नई दिल्ली : चालू वित्त वर्ष में भारत की इकनॉमिक ग्रोथ 7.5 फीसदी रह सकती है। यह बात नीति आयोग के वाइस चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया ने कही है। हालांकि, उन्होंने यह स्वीकार किया है कि देश में बड़ी संख्या में नई नौकरियों के मौके बनाना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। पनगढ़िया ने कहा, ‘चालू वित्त वर्ष 2017-18 के लिए, मैं उम्मीद करता हूं कि हम कम से कम 7.5 फीसदी पर लौट आएंगे। और जैसे हम वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही की तरफ बढ़ेंगे हम 8 फीसदी की ग्रोथ को छूने लगेंगे। लेकिन पूरे वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ का एवरेज करीब 7.5 फीसदी होगा।’
लोअर, सेमी-स्किल्ड लेवल पर नई नौकरियों की कमी
पिछले हफ्ते ‘इम्प्लीमेंटेशन ऑफ सस्टेनबल डिवेलपमेंट गोल्स’ पर भारत की वॉलन्टरी नेशनल रिव्यू रिपोर्ट करने वाले पनगढ़िया ने कहा कि देश में नौकरियों के मौके बनाना, खासतौर से लोअर, सेमी-स्किल्ड लेवल पर, सही मायने में सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि शायद यह आठ फीसदी के हिसाब से ग्रोथ करने के मुकाबले कहीं ज्यादा बड़ी चुनौती है।
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत के सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले ऑटोमोबाइल, ऑटो पार्ट्स, इंजीनियरिंग गुड्स, पेट्रोलियम रिफाइनरी, फार्मास्युटिकल्स और IT आधारित सेवाएं बहुत ज्यादा एंप्लॉयमेंट-इंटेंसिव नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘यह सभी सेक्टर्स या तो बहुत कैपिटल इंटेंसिव हैं या स्किल लेबर इंटेंसिव। लोअर और सेमी-स्किल्ड लेवल पर अच्छी नौकरियों की बड़ी जरूरत है। मामले में हमारे सामने बड़ी चुनौती है।’
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