‘डिजिटल इंडिया’ संग छात्रों को अब ‘स्किल इंडिया’ का तोहफा, महीने के अंत तक 118 सेंटर खोलने का कार्य पूरा होने की संभावना

लखनऊ : पॉलीटेक्निक संस्थाओं में स्मार्ट क्लास रूम के साथ ही वाईफाई की निश्शुल्क सुविधा देकर विद्यार्थियों को डिजिटल इंडिया से जोड़ने का कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है। कम पढ़े लिखे युवाओं को थोड़े समय में तकनीकी प्रशिक्षण देकर उनके कौशल विकास की भी तैयारी शुरू हो गई है। स्किल इंडिया के तहत तीन महीने से एक वर्ष तक के सर्टिफिकेट कोर्स शुरू होंगे। प्रदेश की 100 सरकारी पॉलीटेक्निक संस्थाओं को डिजिटल इंडिया के तहत वाईफाई से लैस करने का कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है। प्राविधिक शिक्षा परिषद ने पॉलीटेक्निक संस्थाओं में कौशल विकास की तैयारी भी शुरू कर दी है। अखिल भारतीय तकनीकी परिषद से कोर्स संचालन की हरी झडी मिलने के साथ अब इसकी तैयारिया शुरू हो गई हैं।

जुलाई से शुरू होगी पढ़ाई

कौशल विकास मिशन के तहत सभी संस्थाओं में इस महीने के अंत तक सेंटर खोलने का कार्य पूरा होने की संभावना है। जुलाई के प्रथम सप्ताह से शिक्षण कार्य शुरू हो जाएगा। राजधानी समेत प्रदेश के सभी 99 सरकारी और 19 सहायता प्राप्त संस्थाओं में सेंटर खोलने की कवायद चल रही है।

प्रशिक्षण के साथ मिलेगी नौकरी

हाईस्कूल या इंटर पास युवा जिनकी उम्र 14 से 35 वर्ष के बीच हैं, वे प्रशिक्षण ले सकते हैं। इसके लिए युवाओं को उप्र कौशल विकास मिशन के वेबपोर्टल (यूपीएसडीएम.जीओवी.इन) पर पंजीयन कराना होगा। पोर्टल पर ही ट्रेडों की जानकारी मिल जाएगी। कौशल विकास मिशन की ओर से 52 सेक्टरों में 634 ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जाता है। 90 दिन से 360 दिनों के कोर्स का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद पॉलीटेक्निक संस्थाओं की ओर से युवाओं को नौकरी भी दिलाई जाएगी।

प्राविधिक शिक्षा परिषद सचिव एसके सिंह का कहना है कि प्रदेश सरकार की पहल पर अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की ओर से अनुमति मागी गई है। अनुमति मिलते ही कौशल विकास केंद्र खोल दिए जाएंगे। इनके खुलने से डिप्लोमा से इतर कम पढ़े लिखे युवाओं को प्रशिक्षण के साथ नौकरी के अधिक अवसर भी मिलेंगे।। पॉलीटेक्निक में होगा सीधा प्रवेश मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल पर कम्युनिटी कॉलेज के तहत यह कोर्स शुरू किया गया है। परीक्षण के लिए सबसे पहले इसका संचालन प्रदेश में फैजाबाद रोड स्थित राजकीय पॉलीटेक्निक में किया जा रहा है। यहा सफल होने पर प्रदेश के कई राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थाओं में इसका संचालन करेंगे। प्रवेश परीक्षा के आधार पर होने वाले दाखिले के बाद कम्युनिटी कॉलेज में प्रवेश प्रक्त्रिया शुरू होगी। ऐसे होगा दाखिला हाईस्कूल पास अभ्यर्थी संस्थान से आवेदन प्राप्त करेगा और उसे भरकर जमा करेगा। हाईस्कूल की मेरिट के आधार पर प्रवेश सूची तैयार होगी। अधिकतम आयु सीमा नहीं रखी गई है। सीटों की संख्या के आधार पर प्रवेश होंगे। अखिल भारतीय शिक्षा परिषद ने ऑटोमोबाइल के चार ट्रेडों इंजन टेस्टिंग, ऑटो इलेक्ट्रॉनिक्स- इलेक्टिकल व वेहिकल टेस्टिंग को मान्यता दी है। एक ट्रेड में 100 सीटों का निर्धारण है। एक वर्ष की फीस चार हजार रुपये होगी। पढ़ाई कम प्रेक्टिकल ज्यादा निजी सरकारी सहभागिता से संचालित होने वाले कम्युनिटी कॉलेज में पढ़ाई से अधिक प्रेक्टिकल को तरजीह दी जाएगी। इसके पीछ मंशा यह है कि यदि छात्र को किसी भी वजह से बीच में ही पढ़ाई छोड़नी पड़े तो उनके पास तकनीकी योग्यता हो जिससे वह अपना रोजगार कर सकें। प्रेक्टिकल के लिए एक निजी वेहिकल कंपनी से करार किया गया है। कम्युनिटी कॉलेज में अंतर प्रवेश परीक्षा के आधार पर मिलने पॉलीटेक्निक में दाखिला लेने वाले छात्रों को तीन साल बाद ही डिग्री मिलेगी, लेकिन कम्युनिटी कॉलेज हर वर्ष उन्हें प्रमाण पत्र देगा जिसके आधार पर वह नौकरी के लिए आवेदन कर सकेंगे। तीन वर्ष तक करने पर यह कोर्स डिप्लोमा के स्तर का हो जाएगा।

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