देहरादून : श्रम एवं सेवायोजन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने सर्वे चौक स्थित आइआरडीटी ऑडिटोरियम के महिला प्रौद्योगिकी संस्थान में शुक्रवार को आयोजित बैठक में राज्य के सरकारी आइटीआइ की समीक्षा की। बैठक में काबीना मंत्री डॉ रावत ने कहा कि राज्य में कुल 176 आइटीआइ हैं। इनमें से केवल 148 सक्रिय हैं। 64 आइटीआइ के पास अपने भवन, 56 किराये के भवनों में संचालित हैं। इसके अलावा 43 आइटीआइ पीपीपी मोड में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में सिर्फ सक्रिय आइटीआइ को ही आगे जारी रखा जाएगा। निष्क्रिय आइटीआइ को निरस्त किया जाएगा। सरकार सक्रिय 148 आइटीआइ की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर देगी। राज्य सरकार निष्क्रिय पड़े 28 आइटीआइ को बंद करेगी। वहीं अगले दो सालों तक नए आइटीआइ नहीं खोले जाएंगे।
काबीना मंत्री डॉ रावत ने कहा कि सिर्फ नाम के लिए आइटीआइ खोलने की घोषणा नहीं की जाएगी। इसके स्थान पर मौजूदा सक्रिय आइटीआइ में पर्याप्त फैकल्टी, फर्नीचर, मशीनें व लैब समेत जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। कोशिश की जाएगी कि आइटीआइ डिप्लोमाधारक महज डिग्रीधारक बनकर न रहें, कौशल विकास के जरिए उन्हें रोजगार के योग्य बनाया जाएगा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि भविष्य में आइटीआइ भवन उन स्थानों पर बनें, जहां हाईस्कूल व इंटर कॉलेज के साथ ही आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो। काबीना मंत्री ने पदोन्नति की पात्रता पूरी करने वाले 85 कार्मिकों के संबंध में जल्द फैसला लेन और आइटीआइ को आधुनिक कंप्यूटर व नई तकनीक से लैस कर उनकी दशा-दिशा सुधारने के निर्देश भी दिए। बैठक में अपर सचिव डॉ पंकज कुमार पांडेय समेत कई अधिकारी मौजूद थे।
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