कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि सरकार प्लंबरों को वैश्विक बाजार की जरूरतों के मुताबिक प्रशिक्षण मुहैया कराएगी। कौशल विकास मंत्रालय के अंतर्गत इंडियन प्लंबिंग स्किल काउंसिल (भारतीय प्लंबिंग कौशल परिषद) ने केंद्र सरकार की स्किल इंडिया योजना के अंतर्गत यहां दो दिवसीय (21 और 22 अक्टूबर 2016) नेशनल प्लंबिंग स्किल कॉनक्लेव और स्किल मेला का आयोजन किया।
नेशनल प्लंबिंग स्किल मेला में रूडी ने कहा, “सरकार का लक्ष्य देश के 40 करोड़ युवाओ को प्रशिक्षित करना एवं उनके हुनर को विश्व स्तर का बनाना है। हम इंडियन प्लंबिंग कॉउन्सिल की तरह अन्य संस्थाएं बना कर देश के युवाओं को स्वावलंबी बना रहे हैं और इनको आर्थिक मदद देने की व्यवस्था भी कर रहे हैं साथ ही इन युवाओं को विश्व भर में रोजगार देने की योजना पर काम कर रहे हैं।”
इंडियन प्लंबिंग स्किल काउंसिल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (कार्यवाहक) मेजर जनरल पी.के. चड्ढा ने कहा, “प्लंबिंग उद्योग को कुशल कार्यबल की आपूर्ति और मांग में अंतर की बड़ी चुनौती का सामना कर पड़ रहा है। भारत में बहुत कम प्लंबर कुशल हैं। प्लंबिंग प्रोफेशनल, भारतीय प्लंबिंग उद्योग के सदस्यों और अन्य प्लंबिंग से संबंधित संगठनों और एसोसिएशनों के तौर पर यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि विभिन्न उद्योगों को पर्याप्त संख्या में कुशल व प्रमाणित कार्यबल उपलब्ध कराया जा सके, जिससे वैश्विक स्तर पर भारत में प्लंबिंग स्टैंडर्डस में सुधार होगा। भारत में प्लंबिंग उद्योग का लगभग 90 फीसदी कार्यबल व्यावसायिक तौर पर प्रशिक्षित नहीं है। उद्योग में अधिकांश कौशल प्रशिक्षण असंगठित, नौकरी के दौरान प्रशिक्षण (ओजेटी) के माध्यम से होता है।”
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