नई दिल्ली : भारत सरकार के कौशल विकास मंत्रालय के तहत आने वाले सिक्युरिटी सेक्टर स्किल डेवलपमेंट काउंसिल (एसएसएसडीसी) ने सीबीएसई को लेटर लिखा है। इसमें बोर्ड से कहा गया है कि स्कूलों में इम्प्लाॅइज के साइकोमेट्रिक टेस्ट कराने में काउंसिल भागीदार बनेगा। काउंसिल तीन दिन के शॉर्ट टर्म कोर्स से स्कूलों के मैनेजर या प्रिंसिपल को भी साइकोमेट्रिक टेस्ट के लिए ट्रेंड कर देगा। इससे पहली ही काउंसलिंग में क्रिमिनल मेंटिलिटी के लोग पकड़ में आ जाएंगे। बता दें कि 8 सितंबर को गुड़गांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में प्रद्युम्न नाम के 7 साल के बच्चे की गला रेतकर कर दी गई थी। ऐसे में स्कूलों में सिक्युरिटी को लेकर उठ रहे सवालों के बाद यह फैसला किया गया है।
एसएसएसडीसी के पास रोडमैप…
– एसएसएसडीसी चेयरमैन कुंवर विक्रम सिंह के मुताबिक, “हमारे पास सिक्युरिटी को स्किल्ड करने का पूरा रोडमैप है। निजी स्कूलों में सारा स्टाफ बगैर टेस्ट रखा जाता है।”
– “सिक्युरिटी ऑडिट के साथ साइकोमेट्रिक टेस्ट जरूरी है। बोर्ड ने स्कूलों से दो माह के अंदर पुलिस से यह टेस्ट कराने को कहा है।”
साइकोमेट्रिक टेस्ट ऐसे होता है
– इसमें साइक्लोजिस्ट एक्सपर्ट को शामिल किया जाता है, जो सवालों के आधार पर शख्स के व्यवहार और उसकी आदतों का मूल्यांकन (Evaluation) करते हैं।
– इसमें पता लगाया जाता है कि संबंधित शख्स क्रिमिनल मेंटलिटी का तो नहीं है।
– साथ ही झूठा…काम के प्रति लगन है या नहीं…कामचोर तो नहीं है…नशा करता है तो उसका इफेक्ट क्या है…पोर्नक्लिप देखने पर उसमें क्रिमनल इमोशंस तो नहीं आते, जैसी बातें टेस्ट में शामिल हैं।
इसलिए उठी मांग
– गुड़गांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में प्रद्युम्न नाम के स्टूडेंट की हत्या के बाद सरकार ने सभी स्कूलों को रेग्युलर सिक्युरिटी ऑडिट करने का ऑर्डर दिया है।
– साथ ही यह भी कहा गया है कि वे अपने इम्प्लॉई की मेंटल हेल्थ का पता लगाने के लिए साइकोमेट्रिक टेस्ट भी कराएं।
– एसएसएसडीसी का काम देशभर में सिक्युरिटी के काम में लगे लोगों को ट्रेंड करना है।
रेयान जैसे हादसे हुए तो प्रिंसिपल-टीचर होंगे जिम्मेदार
– साउथ दिल्ली म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ने अपने इलाके में आने वाले सभी स्कूलों को स्टूडेंट्स की सिक्युरिटी से संबंधित कई निर्देश दिए हैं। – मंगलवार को हुई मीटिंग में साउथ दिल्ली म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ने कहा अगर उनके इलाके के स्कूलों में गुड़गांव के रेयान स्कूल या ईस्ट दिल्ली स्कूल जैसा हादसा हुआ तो इसके लिए स्कूल के प्रिंसिपल, टीचर और दूसरे इम्प्लॉई जिम्मेदार होंगे।
– साथ ही यह भी कहा गया है कि सिक्युरिटी के इंतजाम का जोनल और हेडऑफिस के लेवल पर लगातार रिव्यू किया जाएगा।
टॉयलेट में लाइट जरूरी
– जारी निर्देशों के तहत यह तय करना जरूरी है कि स्कूल के टॉयलेट्स में लाइट का इंतजाम हो। चारदीवारी की ऊंचाई सिक्युरिटी रूल्स के मुताबिक हो।
बैठक में ये फैसले हुए
– सभी स्कूलों के हेडमास्टर और मैनेजमेंट कमेटी के मेंबर्स को स्कूल के इम्प्लॉई के साथ मिलकर स्टैडर्ड सिक्युरिटी रूल्स के मुताबिक सिक्युरिअी ऑडिट तय करना होगा।
– सभी इम्प्लाॅई के कैरेक्टर और बीहेवियर की पुलिस से जांच जरूरी।
– गेस्ट के लिए तय समय और इंट्री के लिए रजिस्टर रखना होगा।
– स्कूलों में एनजीओ द्वारा मध्यान्ह भोजन के लिए तैनात इम्प्लॉई को आईडी कार्ड जारी करना होगा।
– नोटिस बोर्ड पर पुलिस कंट्रोल रूम, स्थानीय थाने और बीट ऑफिसर का नाम और फोन नंबर लिखा होना चाहिए।
क्लास से ज्यादा देर बाहर न रहे स्टूडेंट
– निर्देशों के मुताबिक कोई भी स्टूडेंट बिना सही वजह के क्लास से ज्यादा देर तक बाहर न रहे और स्कूल टाइम में टीचर या इम्प्लॉई केक साथ ही स्कूल बिल्डिंग से बाहर आए।
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