बालोद जिले में मुख्य मंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण देने वाले पंजीकृत 24 वीटीपी एजेंसी (वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर) का पंजीयन निरस्त कर दिया गया। महत्वपूर्ण बात तो यह है कि निरस्त की गई वीटीपी में 22 शासकीय हैं। बालोद कलेक्टर ने यह कार्रवाई योजना में गड़बड़ी, प्रशिक्षणार्थियों की सही उपस्थिति के लिए निर्देश के बाद भी बायोमैट्रिक मशीन न लगाने, नियमों का पालन न करने पर की है। यह वीटीपी अब जिले में काम नहीं कर पाएंगे।
गौरतलब हो कि केंद्र सरकार द्वारा देश भर के युवाओ एवं बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्र के युवाओ का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए कौशल विकास योजना प्रारंभ किया गया है। जिसके तहत युवाओं को पंजीकृत वीटीपी के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार उपलब्ध कराया जाता है।
इसके लिए शासन द्वारा पंजीकृत वीटीपी को प्रशिक्षण देने के लिए घंटे के हिसाब से भुगतान किया जाता है। चार से छह माह तक चलने वाले प्रशिक्षण में वीटीपी का भुगतान कई लाख रुपये होता है। उक्त वीटीपी की जिम्मेदारी प्रशिक्षण प्राप्त युवाओ को रोजगार उपलब्ध कराना होता है।
केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा प्राइवेट वीटीपी के साथ साथ शासकीय संस्थानों को भी वीटीपी के रूप में चयनित किया गया जिससे शासकीय संस्थानों द्वारा शासन की महत्वपूर्ण कौशल उन्नायन योजना का लाभ आसानी से आमजन को मिल सके। वहीं बालोद जिला में पंजीकृत शासकीय वीटीपी में अनियमितता मिली। शिकायत मिलने के बाद अपने स्तर पर कलेक्टर ने जांच कराई। इसके बाद आज कलेक्टर राजेश सिंह राणा ने 24 वीटीपी में 22 शासकीय वीटीपी के पंजीयन निरस्त किये जाने के आदेश जारी किये है|
निरस्त किये जाने के कारण: प्रशिक्षण दिए जाने के नाम पर शासकीय एवं निजी वीटीपी द्वारा धांधली व अनियमितता बरतते हुए निर्धारित अवधि से कम समय प्रशिक्षण दिया। वहीं उपस्थित छात्रों से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली छात्रों की संख्या को आवश्यकता से अधिक भी बताया गया। इसमें लाखो रुपये का वारा न्यारा किया जा रहा था।
देश भर में चल रही इस तरह की धांधली को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा बाकायदा प्रत्येक सेंटरों के लिए बायोमैट्रिक पद्घति लागू करते हुए इसे अनिवार्य कर दिया गया। जिससे छात्र छात्राओं को अंगूठे के फिंगर प्रिंट आते जाते समय लगाना है। इससे उनकी उपस्थिति राज्य स्तरीय कार्यालय में ऑनलाइन के माध्यम से स्वतः तत्काल पहुंचने लगी है। परन्तु बालोद जिले में कुछ वीटीपी द्वारा कलेक्टर के निर्देश के बावजूद बायोमैट्रिक पद्घति को नहीं अपनाया जा रहा था।
सूचना व लगातार नोटिस के बाद भी बायोमैट्रिक नहीं लगाये जाने पर कलेक्टर राणा ने कड़ा रुख अपनाते हुए 22 शासकीय व दो निजी वीटीपी के पंजीयन निरस्त कर दिया है। वहीं इनके द्वारा अब तक दिए गए प्रशिक्षण सहित अन्य जानकारी मंगाई गई है। जिसकी जांच की जाएगी। कलेक्टर की इस एतिहासिक कार्यवाही से जिले भर में संचालित 89 वीटीपी में हडकंप है।
निम्न शासकीय वीटीपी का पंजीयन निरस्त : आदिवासी बुनकर सहकारी समिति मर्यादित, बडभुम
हायर सेकंडरी स्कूल, कुसुमकसा
हायर सेकंडरी स्कूल, घोटिया
कन्या हाई स्कूल, घोटिया
हायर सेकंडरी स्कूल, आमाडूला
हायर सेकंडरी स्कूल, कुमुड कट्टा
अर्जुन्दा कॉलेज
केएम कॉलेज डौंडी
खेरथा, कॉलेज
माडल हायर सेकंडरी स्कूल, डौंडी
हाई स्कूल, बम्हनी
हायर सेकंडरी स्कूल, कामता
प्राथमिक बुनकर सहकारी समिति, अर्जुन्दा
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, बालोद
अरमरीकला, कॉलेज
एनसीजे कॉलेज दल्लीराजहरा
बेलौदी कॉलेज
प्रोजेक्ट ऑफिसर एकीकृत बाल विकास परियोजना, डौंडी
प्रोजेक्ट ऑफिसर एकीकृत बाल विकास परियोजना, डौंडीलोहारा
प्रोजेक्ट ऑफिसर एकीकृत बाल विकास परियोजना, गुरुर
प्राथमिक बुनकर सहकारी समिति मर्यादित, बघमरा
नवीन कॉलेज गुरुर आदि हैं|
इन दो निजी वीटीपी का पंजीयन निरस्त
सानिया सिलाई प्रशिक्षण संस्थान डौंडीलोहारा
नवोदय एजुकेशन सेंटर, कलंगपुर
लगातार निर्देश देने के बावजूद वीटीपी द्वारा बायोमैट्रिक नहीं लगाया जा रहा था। इसके चलते 24 वीटीपी के पंजीयन निरस्त कर दिए गया है। शासन की महत्वपूर्ण योजना में कोताही बरतने वालों पर कार्यवाही जारी रहेगी। – राजेश सिंह राणा, कलेक्टर बालोद
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