रायपुर: युवाओं के लिए संचालित मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना में जिन व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाताओं (वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाईडर) के विरूद्ध नियमों के उल्लंघन की शिकायत मिल रही है, उनके खिलाफ जांच और कार्रवाई शुरू हो गई है।
तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने आज बताया कि छह व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाताओं का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है। इन लोगों पर आरोप है कि उन्होंने राज्य शासन की रीति-नीति के अनुरूप युवाओं को प्रशिक्षण देने के मामले में नियमों का पालन नहीं किया और उनके पंजीकृत पते पर कौशल प्रशिक्षण केन्द्र संचालित नहीं पाए गए। इसके अलावा प्रशिक्षणार्थियों की कम उपस्थिति आदि के कारण भी कुछ व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाताओं (व्ही.टी.पी.) का पंजीकरण निरस्त कर दिया गया है। जिन प्रशिक्षण प्रदाताओं का पंजीयन निरस्त हुआ है, उनमें रस्तोगी कॉलेज ऑफ नर्सिंग राजनांदगांव, छत्रपति शिवाजी एजुकेशन सोसायटी बालोद, सेल्टर फाउण्डेशन रायपुर सहित मुंगेली जिले के तीन संस्थान- एशियन स्कूल ऑफ इग्लिश लेंग्वेज,सीड्स और श्रीमातृ छाया शामिल है। इसके साथ ही पचास व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाताओं को कारण बताओे नोटिस भी जारी किया गया है। श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने बताया कि युवाओं को उनकी अभिरूचि के अनुसार गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण दिलाने के लिए राज्य सरकार वचनबद्ध है। इसमें गुणवत्ता और नियमितता को लेकर किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
कौशल विकास मंत्री श्री पाण्डेय ने विभागीय अधिकारियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाताओं के पंजीकृत केन्द्रों का आकस्मिक निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए थे। उनके निर्देशों के अनुरूप प्रमुख सचिव श्रीमती रेणू जी पिल्ले, कौशल विकास प्राधिकरण के मुख्यकार्यपालन अधिकारी श्री के.सी देवासेनापति और विभागीय अधिकारियों ने प्रदेश के छह जिलों रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बालोद, मुंगेली, और धमतरी में जाकर 56 व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदाताओं के विभिन्न केन्द्रों का अचानक निरीक्षण किया। निरीक्षण में पाई गई विभिन्न अनियमितताओं के कारण ही छह प्रशिक्षण प्रदाताओं का पंजीयन निरस्त किया गया और पचास प्रदाताओं को नोटिस जारी की गई।
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