बैतूल (मध्य प्रदेश) : युवाओं को व्यावसायिक शिक्षा देने के उद्देश्य से नगर में कौशल विकास केंद्र खोला था। केंद्र में वर्तमान में 4 ट्रेड इलेक्ट्रिशियन, डोमिट्रिक, इलेक्ट्रिशियन वाइटर, वेल्डर आर्क एवं गैस ट्रेड संचालित हैं। प्रत्येक ट्रेड में 40 प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे, लेकिन संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्त होने के बाद से अब तक कोई प्रशिक्षक केंद्र में नहीं आया। इससे 160 युवा अपने भविष्य को लेकर परेशान हो रहे हैं। दो माह से प्रशिक्षक के नहीं होने से केंद्र में ताला लटका हुआ है। विभाग द्वारा केंद्र के पदस्थ आधा दर्जन संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने के बाद से ही यहां ताला लटका हुआ है। वर्तमान में यहां एक भी कर्मचारी नहीं है। इस कारण युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण नहीं मिल रहा। प्रशिक्षणार्थी रोज केंद्र आते हैं, लेकिन ताला लगा देख लौट जाते हैं।
प्रशिक्षणार्थी सोहन, दिनेश, शिवानी, मोना ने बताया 2 माह से कौशल विकास केंद्र में शिक्षक के नहीं होने के कारण पढ़ाई ठप है। रोज केंद्र आते हैं, लेकिन लौट जाते हैं। समझ नहीं आ रहा कक्षाएं कब से लगेगी। इसकी जानकारी देने के लिए भी केंद्र पर कोई नहीं है। केंद्र के कार्यालय में आईटीआई का कार्यालय खुल गया है। वहां आईटीआई का प्रवेश चल रहा है। इससे अब केंद्र पर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षणार्थियों का भविष्य अंधकार में है ।
इसलिए हुई थी कर्मचारियों की सेवा समाप्त : कौशल विकास केंद्र में संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति 2 साल के लिए की थी। बाद में कर्मचारियों की सेवा 1 साल के लिए बढ़ा दी थी, लेकिन तीन साल बाद कर्मचारियों ने नियमितीकरण की मांग की तो शासन ने आदेश जारी कर इन कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी। शासन ने 16 मई को एक आदेश जारी कर संविदा प्रशिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी। इसके चलते सभी प्रशिक्षक कोर्ट चले गए। कोर्ट से प्राप्त निर्णय के बाद ही प्रशिक्षक वापस केंद्र पर सेवा दे पाएंगें।
बीआर टांडिया, प्राचार्य, आईटीआई बैतूल ने बताया की संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने का मामला कोर्ट में चल रहा है। इसलिए नई नियुक्ति नहीं हो पाई हैं। घोड़ाडोंगरी कौशल विकास केंद्र पर शनिवार से एक अतिथि प्रशिक्षक कक्षाएं लेंगे।
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