दिल्ली के रैन बसेरों में रहने वाले बेघरों को भी रोजगार मुहैया कराया जाएगा। इन्हें स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही राजधानी में चार नए बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया जाएगा, जहां पर बेघरों को विशेष सुविधा दी जाएगी। केंद्र सरकार की नेशनल अर्बन लाइवलिहुड मिशन (एनयूएलएम) के अंतर्गत दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड (डूसिब) इस महात्वाकांक्षी योजना को पूरा करेगा। दिल्ली सरकार ने भी योजना को मंजूरी दे दी। योजना के तहत दिल्ली के विभिन्न इलाकों नांगलोई, द्वारका, रोहिणी और गीता कॉलोनी में बहुमंजिला इमारत का निर्माण किया जाएगा। ये इमारतें ग्राउंड प्लस 4 मंजिला होंगी। इनके निर्माण पर लगभग 41.24 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। योजना के तहत पोर्टाकेबिन को भी बहुमंजिला इमारतों में तब्दील किया जाएगा।
डूसिब के बोर्ड सदस्य बिपिन राय का कहना है कि इस योजना के जरिए बेघर लोग भी सम्मान और स्वच्छ पर्यावरण में जीवन जी सकेंगे। यहां पर बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए भी सुविधा प्रदान की जाएगी। अकेली महिला और बच्चों के लिए भी रैन बसेरों में विशेष सुविधा दी जाएगी। इमारत में मल्टीपर्पज रूम होंगे। बेघर परिवार के लिए कमरे की डिजाइन अलग होगी। यहां स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, तािक बेघर लोगों को भी रोजगार उपलब्ध हो। ऐसा होने से इन्हें रैन बसेरों से खुद के मकान में शिफ्ट करने में मदद मिलेगी।
राजधानीके 13 रैन बसेरों को भी आधुनिक रूप दिया जाएगा। इनके निर्माण में लकड़ी और सिरेमिक टाइल्स का भी इस्तेमाल किया जाएगा। रैन बसेरों में अब सोलर वाटर हिटिंग सिस्टम, लिफ्टस, टेलीफोन, प्राथमिक उपचार बाॅक्स, किचन, बॉथरूम सहित चाइल्ड केयर की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही रैन बसेरों में अब स्किल डेवलपमेंट सेंटर भी खोले जाएंगे। बता दें कि वर्तमान में दिल्ली में 200 नाइट शेल्टर्स हैं, जिनमें लगभग 16 हजार के करीब बेघरों को रहने की सुविधा है।
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