भिलाई (छत्तीसगढ़) : केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) का संचालन अब छत्तीसगढ़ सरकार करेगी। हालांकि इसके लिए फंड केंद्र सरकार ही देगी। यह नई व्यवस्था अप्रैल से लागू हो जाएगी। केंद्र और राज्य सरकार के बीच कागजी कार्रवाई पूरी हो चुकी है। लोकसभा का बजट सत्र खत्म होते ही केंद्रीय कौशल विकास मंत्रालय की इस नई व्यवस्था पर मुहर लग जाएगी। अभी केंद्र सरकार इस स्कीम को प्रदेश में ट्रेनिंग पार्टनर के भरोसे संचालित कर रही है, जिसमें लगातार धांधली की शिकायत मिल रही है। स्कीम का संचालन राज्य को देने के पीछे यही बड़ी वजह है। शिकायतों को देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र को प्रपोजल भेजा और केंद्र ने अपनी सहमति भी दे दी है। पहले गड़बड़ियों की शिकायत पर राज्य की सरकार कार्रवाई तो दूर कोई हस्तक्षेप भी नहीं कर सकती थी।
प्रदेश के विभागीय मंत्री से लेकर जिम्मेदार अफसर भी यही कहकर मामले से अपने आप को अलग कर लेते थे कि यह स्कीम केंद्र सरकार की है, जिस पर उनका कोई नियंत्रण नहीं है। बता दें कि अभी प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना का संचालन कर रही है, जो पीएमकेवीवाई से अलग है।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में ज्यादातर शिकायत बिना ट्रेनिंग दिए सर्टिफिकेट बांट देने की मिल रही थी। दुर्ग-भिलाई, रायपुर और बिलासपुर एरिया में इस तरह की शिकायत आम हो गई थी। ज्यादातर वीटीपी सेंटर्स संचालक केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले अनुदान की राशि हड़पने के लिए ऐसा करते थे। अक्टूबर 2016 में भिलाई के एक इंस्टीट्यूट द्वारा 3 हजार छात्रों की राशि हड़पने की शिकायत सामने आई थी। जिला प्रशासन ने जांच नहीं की तो पीएमओ के निर्देश पर जांच अभी जारी है।
पीएमकेवीवाई फेज-2 नाम से छत्तीसगढ़ में लांच होगी स्कीम
केंद्र सरकार इस स्कीम को छत्तीसगढ़ में पीएमकेवीवाई फेज-2 स्कीम के नाम से लांच करेगी। क्योंकि पीएमकेवीवाई पहले से चल रहा है। इसमें जरूरी संशोधन खुद केंद्र सरकार करेगी। इसलिए नाम में आंशिक बदलाव किया जाएगा और इसे पीएमकेवीवाई-2 के नाम से जाना जाएगा।
हर साल मिलेगा 15 से 20 करोड़ का बजट
केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार के लिए सालाना लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। एक साल में 12 हजार लोगों को स्किल ट्रेनिंग देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए राज्य को केंद्र से सालाना 15 से 20 करोड़ का बजट मिलेगा। हर जिले के लिए अलग-अलग बैच व बजट होगा। इस पर जल्द ही फैसला हो जाएगा।
3 साल में पीएमकेवीवाई से एक लाख लोग बन चुके हैं हुनरमंद
केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट की मानें तो छत्तीसगढ़ में 2014-15 से लेकर 2016-17 तक 1 लाख 9 हजार 646 लोगों ने पीएमकेवीवाई के तहत ट्रेनिंग ली। इसमें 40 हजार 624 लोगों को ही जॉब मिल सका। 2015-16 में सबसे ज्यादा 59 हजार 237 लोगों को ट्रेनिंग दी गई, इसमें 23 हजार 110 को जॉब मिली। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में शुरुआती वर्ष 2014-15 में 31822 ने ट्रेनिंग ली और 13417 का सलेक्शन हुआ। 2016-17 में 18587 की ट्रेनिंग हुई और 4097 को जॉब मिली। इन तीन सालों तक प्रदेश में पीएमकेवीवाई का संचालन ट्रेनिंग पार्टनर यानी प्राइवेट एजेंसी कर रही थी।
इन मापदंडों को करना होगा पूरा
नेशनल स्किल डेवलपमेंट अथॉरिटी की गाइड लाइन पर प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना देशभर में संचालित हो रही है। योजना के लिए वीटीपी (वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर) सेंटर्स को जरूरी मापदंडों को पूरा करना होता है। अभी प्रदेश में ज्यादातर सेंटर्स इन मापदंडों को पूरा नहीं कर सकते। ऐसे सेंटर्स की पहचान की जाएगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना से जुड़े वीटीपी सेंटर्स को पीएमकेवीवाई का काम मिलेगा। उन्हें एनएसडीसी की गाइडलाइन अनिवार्य रूप से पूरी करनी होगी।
जानिए, क्या है जरूरी मापदंड…।
– 3 हजार स्क्वायर फीट में वीटीपी सेंटर होना चाहिए।
– पीएमकेवीवाई के अलावा कोई दूसरा सरकारी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट नहीं चला सकते।
– पीएमकेवीवाई के लिए ट्रेनिंग लेने वाले स्टूडेंट्स आधारबेस होंगे।
– स्किल ट्रेनिंग देने वाला ट्रेनर नेशनल लेवल का हो, जिन्हें केंद्र खुद प्रशिक्षण देगी।
– सेंटर में बायोमैट्रिक लगा होना चाहिए। अटेंडेंस इसी के माध्यम से होगा।
– ट्रेनिंग सेंटर संचालक पर किसी प्रकार का आरोप न हो।
फैक्ट फाइल
– 25 वीटीपी सेंटर रजिस्टर्ड हैं प्रदेश में। 700 सेंटर्स ही एक्टिव हैं।
– 12 हजार लोगों को हर साल प्रदेश में पीएमकेवीवाई के तहत ट्रेनिंग दी जाएगी।
– 12000 करोड़ रुपए 2016 से 2020 तक देश में पीएमकेवीवाई स्कीम में खर्च होंगे।
– 1 करोड़ लोगों को 2016 से 2020 तक कौशल विकास की ट्रेनिंग देने का लक्ष्य है।
– 300 घंटे की ट्रेनिंग एक ट्रेड के लिए एक स्टूडेंट को दी जाएगी।
– 100 से अधिक ट्रेंड की ट्रेनिंग पीएमकेवीवाई के तहत मिलेगी।
केसी देवसेनापती, सीईओ, छग स्किल डेवलपमेंट अथॉरिटी ने कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का संचालन छत्तीसगढ़ में स्टेट स्किल डेवलपमेंट अथॉरिटी करेगी। अभी केंद्र इसे ट्रेनिंग पार्टनर के माध्यम से यहां चला रही है। इसके लिए प्रस्ताव भेजा है। अप्रैल से प्रदेशभर में लागू करेंगे।
प्रेमप्रकाश पांडेय, मंत्री, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने कहा कि केंद्र सरकार को राज्य की ओर से पीएमकेवीवाई का संचालन करने के लिए प्रपोजल गया है। केंद्र ने अपनी सहमति दे दी है। अप्रैल से इसे लागू करेंगे। इससे प्रॉपर मॉनीटरिंग होगी। योजना संचालन के लिए केंद्र से फंड मिलेगा। क्रियान्वयन प्रदेश सरकार करेगी।
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