“बैंक से किस प्रकार लिया जाय लाभ” भी अब किसानों के कौशल प्रशिक्षण का हिस्सा

सबौर (बिहार) : किसानों  को कौशल प्रशिक्षण देने का काम काफी समय से किया जा रहा है | लेकिन अब सरकार इस प्रशिक्षण को और भी गुणवत्तापूर्ण करने की तैयारी कर रही है | इसी कड़ी में  बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के क्षेत्रधिकार अंतर्गत सभी 20 कृषि  विज्ञान केंद्र और 7 कॉलेजों में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण देने के लिए  बिहार स्किल डवलपमेंट के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन हो गया है | वैसे संस्थान को  ही रजिस्ट्रेशन दिया जाता है जो संस्थान उच्चस्तरीय प्रशिक्षण देने के सभी  मानक पूरा करने में सक्षम है | वहीं दूसरी ओर किसानी के विभिन्न आयामों के  तहत आठ करोड़ का प्रोजक्ट विश्वविद्यालय द्वारा भेजा गया है जिसकी स्वीकृति  मिलनेवाली है |

क्या है हाइटेक प्रशिक्षण

प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ  आर के सोहाने ने बताया कि 240 घंटे अर्थात 50 दिनों का प्रशिक्षण दिया  जायेगा | इसमें 200 घंटा जिस विषय पर प्रशिक्षण देना है उस पर फोकस होगा | इतना ही नहीं उसमें 80 प्रतिशत प्रायोगिक प्रशिक्षण होंगे | उसके बाद 40 घंटा का प्रशिक्षण बैंक से किस प्रकार लाभ लिया जाय, इस पर होगा |प्रशिक्षणोपरांत तीसरी संस्था द्वारा  परीक्षा ली जायेगी | किसान अब किसानी क्षेत्र के  उद्यमी बनेंगे | उनमें कौशल विकास तो होगा ही स्वरोजगार करने का क्षमतावर्द्धन एवं बाजारीकरण के उतार चढ़ाव में भी वह मास्टर होंगे | इससे युवाओं  का पलायन रुकेगा. खेती बाड़ी के प्रति रुझान बढ़ेगा |

किसानी के विभिन्न  आयामों जैसे खाद्य प्रोद्योगिकी, मधुमक्खी पालन, मछली पालन, समेकित कृषि  प्रणाली आदि पर गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण बहुत जल्द होनेवाला है |  बीएयू का मुख्यालय सहित सभी 20 केवीके और सात काॅलेजों में इस प्रकार के  प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी |

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