मध्य प्रदेश (मप्र) हाईकोर्ट ने राज्य के सभी कौशल विकास केंद्रों में मैनेजर, लेखापाल व प्रशिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है। एक्टिंग चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की एकलपीठ ने मामले पर राज्य सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी कर 14 जून तक अपना पक्ष प्रस्तुत करने को कहा है। प्रदेश के 113 कौशल विकास केंद्रों में कार्यरत 180 लेखापाल, मैनेजर व प्रशिक्षकों की ओर से याचिकाएं दायर कर कहा गया है कि सभी की नियुक्तियां जिला स्तरीय व्यवसायिक शिक्षा परिषद ने कलेक्टर के जरिए की हैं। इसके लिए व्यक्तिगत संविदा की गई।
संविदा अवधि समाप्त होने पर मप्र व्यवसायिक शिक्षा परिषद से एक सामान्य परिपत्र के जरिए इन सभी की सेवाएं समाप्त करने का सामान्य आदेश जारी कर दिया गया। इस आदेश को संविधान के खिलाफ बताते हुए याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आदर्शमुनि त्रिवेदी, आनंद कृष्ण त्रिवेदी, आशीष त्रिवेदी, आनंद शुक्ला ने कोर्ट को बताया कि यह आदेश एकतरफा और अयुक्तियुक्त है। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका में बनाए गए पक्षकारों से जवाब-तलब करते हुए मप्र व्यवसासिक शिक्षा परिषद के उक्त सामान्य आदेश को स्थगित कर दिया।
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