भोपाल : औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, पॉलीटेक्निक में 10वीं उत्तीर्ण युवक-युवतियों द्वारा दो वर्ष का प्रशिक्षण, तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने पर उन्हें मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की 12वीं कक्षा के समकक्ष माना जाएगा। 8वीं उत्तीर्ण प्रशिक्षणार्थियों द्वारा आईटीआई में एक वर्ष का कोर्स उत्तीर्ण करने पर उन्हें 9वीं कक्षा के समतुल्य माना जाएगा। यह निर्णय आज यहाँ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग की समीक्षा में लिया गया। इस निर्णय को प्रभावशील बनाने के लिये आवश्यक औपचारिकताएँ जल्द ही पूरी की जायेंगी। मुख्यमंत्री ने आज अपने निवास पर व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास की भविष्य की कार्य-योजनाओं की समीक्षा की। बैठक में तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी उपस्थित थे।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अगले दो साल में 70 चिन्हांकित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जायेगा। इनमें राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय मानकों एवं मांग के अनुसार प्रशिक्षण एवं तकनीकी शिक्षा दी जाएगी। मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना में अगले दो वर्षों में तेरह लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया जायेगा। कौशल विकास तथा स्कूल शिक्षा के बीच वर्टिकल और हॉरीजेंटल गतिशीलता लाई जाएगी। कौशल विकास के अल्पावधि पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए इसे अर्हता के रूप में शामिल करने के लिए संबंधित पदों के लिए शासन के सभी विभागों के भर्ती नियमों में आवश्यक संशोधन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि युवाओं को कौशल संपन्न बनाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने इसके लिये तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग को अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम को विस्तार देने और उनमें तेजी लाने के निर्देश दिये। चौहान ने कहा कि युवाओं की निरंतर बढ़ती जनसंख्या और उद्योगों में कौशल की माँग के अनुरूप शिक्षण-प्रशिक्षण के कार्यक्रम तैयार करें।
चौहान ने कौशल विकास केन्द्रों को और अधिक सक्षम बनाने एवं उनकी सतत् निगरानी रखने के निर्देश दिए। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षकों के गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण की व्यवस्था करने पर जोर देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में जितने भी उत्कृष्ट प्रयास हुए हैं उनका अध्ययन कर रणनीति बनायें। उन्होंने कहा कि स्किल डेवलपमेंट मिशन में विदेशों से भी विषय-विशेषज्ञों को सदस्य के रूप में शामिल किया जायेगा ताकि उनकी विशेषज्ञता का लाभ युवाओं को मिले।
कौशल विकास मिशन
कौशल विकास के क्षेत्र में आमूल चूल परिवर्तन लाने के लिए मुख्यमंत्री ने व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास की प्रभावी कार्य-योजना बनाने के निर्देश दिये। बैठक में बताया गया कि राज्य कौशल विकास मिशन का गठन किया जायेगा। यह मिशन राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कौशल विकास उन्नयन के लिये परामर्श देने, प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर निगरानी रखने, मूल्यांकन एवं प्रमाणीकरण और रोजगार की संभावनाओं का अध्ययन करने के लिए नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगा। इस मिशन के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे एवं कार्यकारी अध्यक्ष तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री होंगे।
भोपाल में ग्लोबल वोकेशनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट
बैठक में बताया गया कि भोपाल में सिंगापुर के सहयोग से 10 हजार की क्षमता का ग्लोबल वोकेशनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बनेगा। इसके अलावा 5 हजार की क्षमता के दो मॉडल आई.टी.आई. बनेंगे। दस आई.टी.आई. को रीजनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जायेगा। इसके अलावा 51 जिला स्तरीय सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनायें जायेंगे। पाँच पॉलीटेक्निक एवं एक इंजीनियरिंग कॉलेज को उत्कृष्ट बनाया जायेगा।
मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना
मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना में इस वित्त वर्ष में 25 हजार युवाओं को अल्पावधि के कौशल प्रशिक्षण का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2017-18 से हर साल तीन लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रशिक्षण की अवधि तीन से नौ महीने की होगी। इस प्रकार मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना में कुल 3 लाख 11 हजार युवाओं को विभिन्न सेक्टर जैसे कंस्ट्रक्शन, एग्रीकल्चर, रिटेल, आईटी, कम्युनिकेशन, बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेस, ड्राइविंग, ट्रांसपोर्टेशन, लॉजिस्टिक, पैकेजिंग, टूरिज्म, हॉस्पिटेलिटी, फ़ूड प्रोसेसिंग, ऑटोमोबाइल, अपैरल, टेक्सटाइल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक, ब्यूटी एंड वैलनेस, सिक्युरिटी, फर्नीचर एंड फर्निशिंग, डोमेस्टिक हेल्प एंड हाउस कीपिंग, हेल्थ केयर, रिन्यूएबल एनर्जी, फेब्रिकेशन में प्रशिक्षण दिया जायेगा। वर्ष 2016-17 में 6,40,895 और 2018-19 तक 13,6,750 युवाओं को प्रशिक्षित किया जायेगा। अगले दो साल में भोपाल में अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना होगी। स्किल पार्क एवं उद्यमिता विकास केन्द्र बनाया जायेगा।
मुख्य सचिव एंटोनी डिसा, अपर मुख्य सचिव वित्त ए.पी. श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव कौशल विकास श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव सचिव मुख्यमंत्री विवेक अग्रवाल, संचालक कौशल विकास संजीव सिंह, अतिरिक्त संचालक एम.पी. सीवेट जी.एन. अग्रवाल एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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