आगरा : बल्केश्वर स्थित आइटीआइ में नकल का वीडियो सामने आने के बाद आइटीआइ प्रशासन मामले की लीपापोती में जुटा गया है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि आइटीआइ में नकल का मामला सामने आया हो। पिछले वर्षो में भी छात्रों को नकल के लिए धमकाने की शिकायत हुई हैं, लेकिन उन्हें दबा दिया गया।
राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र में हुई प्रयोगात्मक परीक्षा में सामूहिक नकल ने परीक्षा की शुचिता की पोल खोल दी है। आइटीआइ में नकल का खेल काफी पुराना है। सूत्रों की मानें तो यहां पर एडमिशन से लेकर परीक्षा तक में पास कराने के लिए ठेके लिए जाते हैं। प्रयोगात्मक परीक्षा में पास करने के लिए छात्रों को धमकाया जाता है। उनकी अनुपस्थित कम दिखाकर उन्हें परीक्षा में न बैठाने की धमकी दी जाती है। इसके एवज में उनसे उगाही होती है। पिछले साल कई छात्रों ने तत्कालीन प्रधानाचार्य से इसकी शिकायत की थी, लेकिन उन्होंने इस पर कोई ध्यान तक नहीं दिया। एक छात्र ने तो शिक्षक की ऑडियो रिकॉर्डिग कर ली, इसके बाद भी छात्र को परीक्षा में बैठने के लिए रुपये देने पडे़। सामूहिक नकल के मामले में आइटीआइ के प्रधानाचार्य मुकेश शर्मा ने बताया कि जांच के लिए टीम बना दी गई है।
मंत्री से भी हुई शिकायत
पिछले साल व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री अभिषेक मिश्रा ने आइटीआइ का औचक निरीक्षण किया था। उनसे भी एडमिशन में भ्रष्टाचार की शिकायत की गई। तब उन्होंने लिखित में शिकायत मिलने पर कार्रवाई की बात कही थी।
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