सिंगुर में जमीन वापसी अगले ही दिन टाटा और बंगाल सरकार के बीच नया करार, कौशल विकास के लिए टाटा मेटालिक्स के साथ मिलाया हाथ

कोलकाता : टाटा मोटर्स के नैनो कारखाना के लिए सिंगुर में अधिगृहित जमीन किसानों को लौटाने के अगले ही दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार ने टाटा मेटालिक्स के साथ हाथ मिलाते हुए करार हस्ताक्षरित किया। टाटा मेटालिक्स पश्चिम मेदिनीपुर जिले के खड़गपुर के निकट आइटीआइ में कौशल विकास केंद्र स्थापित करेगी। इस बाबत गुरुवार को नवान्न में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में टाटा मेटालिक्स और बंगाल सरकार के स्वायत्त निकाय पश्चिम बंग सोसायटी फार स्किल डेवलपमेंट (पीबीएसएसडी) के अधिकारियों के बीच करार पर हस्ताक्षर हुआ। मुख्यमंत्री की उपस्थिति में टाटा मेटालिक्स के प्रबंध निदेशक संजीव पाल और तकनीकी शिक्षा विभाग के स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (एसपीएमयू) के वरिष्ठ सलाहकार राजश्री दासगुप्ता ने करार पर हस्ताक्षर किया। इस मौके पर वित्त व उद्योग मंत्री अमित मित्रा, शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और मुख्य सचिव बासुदेव बनर्जी तथा टाटा मेटालिक्स के अन्य अधिकारी मौजूद थे।

करार पर हस्ताक्षर के बाद मुख्यमंत्री ने खुशी जताई और कहा कि सरकार का लक्ष्य प्रति वर्ष 6 लाख शिक्षित युवकों को प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार का अवसर उपलब्ध कराना है। टाटा मेटालिक्स के कौशल विकास केंद्र स्थापित करने से सरकार को अपने लक्ष्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी। पश्चिम मेदिनीपुर आइटीआइ में कौशल विकास के लिए ढाचांगत सुविधा उपलब्ध है। टाटा मेटालिक्स को वहां काम करने में सुविधा होगी। मुख्यमंत्री ने टाटा को आश्वस्त किया कि सरकार हर तरह से सहयोग करने के लिए तैयार है। किसी तरह की असुविधा होने पर वे सरकार के संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने टाटा को दूसरी परियोजना शुरू करने पर जमीन देने की बात कही। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने वोल्वो को पानागढ़ में 25 एकड़ जमीन देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वोल्वो ने आटोमोबाइल का संयंत्र लगाने के लिए 25 एकड़ जमीन मांगी है। उसे पानागढ़ में 25 एकड़ जमीन दी जाएगी।

टाटा मेटालिक्स के प्रबंध निदेशक संजीव पाल ने कहा कि कंपनी मेदिनीपुर आइटीआइ में कौशल विकास केंद्र स्थापित करेगी। वहां छात्रों के लिए पहले से जो ट्रेड मौजूद है उसमें कुछ नया ट्रेड जोड़ा जाएगा। खास कर साफ्टवेयर और हार्डवेयर में कंपनी छात्रों प्रशिक्षित करेगी ताकि प्रशिक्षण के बाद उन्हें तुरंत काम में लगाया जा सके। प्रथम चरण में 1200 युवकों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

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