जोगेंद्रनगर (हिमाचल प्रदेश) : प्रदेश विश्वविद्यालय की ओर से कॉलेजों में शुरू किए गए व्यवसायिक कोर्स (बीवोक) में विद्यार्थी रुचि नहीं दिखा रहे हैं। व्यवसायिक शिक्षा में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या का आंकड़ा दहाई के अंक को भी पार नहीं कर पाया है।
डिग्री कॉलेज जोगेंद्रनगर में अब तक केवल चार विद्यार्थियों ने ही उक्त कोर्स में प्रवेश लिया है, जबकि 14 अक्टूबर को प्रवेश की अंतिम तिथि है। एचपीयू ने बीवोक के तहत कॉलेजों में रिटेल मैनेजमेंट व टूरिज्म एंड हॉस्पेटेलिटी कोर्स शुरू किए हैं। प्रति कोर्स 40 सीटें निर्धारित की गई हैं। कोर्स के तहत डिप्लोमा या डिग्री हासिल करने पर निजी क्षेत्र मे नौकरी की आपार संभावनाएं विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा बताई जा रही हैं। कोर्स के दौरान 40 प्रतिशत प्रशिक्षण कॉलेज में दिया जाएगा, जबकि 60 प्रतिशत फील्ड प्रशिक्षण के लिए निजी कंपनियों से करार किया गया है।
प्रदेश सरकार द्वारा विश्वविद्यालयों में शुरू किए गए कौशल विकास प्रशिक्षण का मकसद बेरोजगारी पर अंकुश लगाना माना जा रहा है, लेकिन कॉलेजों में विद्यार्थियों ने कोर्स के प्रति उदासीनता दिखाई है, उससे सरकार की कौशल विकास कर बेरोजगारी पर अंकुश लगाने की मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है। कॉलेजों में कौशल विकास के कोर्स शुरू किए गए हैं। छात्र प्रशिक्षण प्राप्त कर सीधे नौकरी हासिल कर सकते हैं।
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