रायपुर : राज्य के स्कूलों में वोकेशनल कोर्स (vocational courses) की लगातार भरमार होती जा रही है। इस साल राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) के तहत नए 270 स्कूलों में टेलीकम्यूनिकेशन, बैंकिंग फाइनेंस, एनिमेशन और मल्टीमीडिया ट्रेड में भी पढ़ाई होगी। विभाग ने इस साल 827 हाई एवं हायर सेकंडरी स्कूलों में वोकेशनल कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव तैयार किया था, लेकिन केंद्र सरकार ने सिर्फ 270 स्कूलों के लिए ही बजट दिया है। वोकेशनल कोर्स अनिवार्य विषय के रूप में लागू किया जा रहा है। इसके लिए लैब स्थापित करने दो से पांच लाख रुपए बजट आवंटित किया जाएगा।
स्वरोजगार के लिए योजना : भारत सरकार के स्किल डिवेलपमेंट प्रोग्राम के तहत स्कूलों में नौवीं से लेकर बारहवीं तक के विद्यार्थी अभी राज्य में आईटी 121, हेल्थ केयर 76, एग्रीकल्चर 20, ऑटोमोबाइल 16 और रिटेल 9 स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है। अब चार नए ट्रेड जुड़ने के बाद 9 वोकेशनल कोर्स के लिए पढ़ाई हो सकेगी। नौवीं और दसवीं में संचालित पाठ्यक्रम में हिन्दी, अंग्रेजी और संस्कृत में से केवल दो भाषा को चुनने की आजादी होगी। तीसरे विषय के तौर पर वोकेशनल कोर्स का कोई भी एक ट्रेड चुनना पड़ेगा। वोकेशनल कोर्स के लिए 100 अंक के पर्चे में 70 अंक सिर्फ प्रैक्टिकल के लिए दिया जाएगा। 30 अंक का थ्योरी एग्जाम होगा। प्रत्येक विद्यार्थी को न्यूनतम 200 घंटे स्कूल में पढ़ना अनिवार्य है। गौरतलब है कि राज्य के 4200 हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों में धीरे-धीरे वोकेशनल पाठ्यक्रम को जोड़ा जा रहा है, ताकि विद्यार्थियों में स्किल डिवेलप हो सके।
नए ट्रेड पर वोकेशनल कोर्स लागू करने का मकसद है कि विद्यार्थी बाजार की डिमांड के अनुसार विषयों को चुन सकें। ताकि स्कूल स्तर की पढ़ाई के बाद उन्हें रोजगार मिल सके।
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