बक्सर (बिहार) : राज्य सरकार की तर्ज पर कृषि विभाग के द्वारा अब ग्रामीण युवकों व किसानों को रोजगारपरक प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई है। योजना के तहत प्रशिक्षण के उपरांत इनके प्लेसमेंट की व्यवस्था के लिए विभाग द्वारा सपोर्ट भी दिया जाएगा। जिससे प्रशिक्षित किसानों व युवकों को अपना स्वयं का रोजगार स्थापित करने में कोई असुविधा नहीं हो।
ग्रामीण किसानों व पढ़े लिखे ग्रामीण बेरोजगार युवकों के लिए कृषि विभाग की पहल पर कौशल विकास योजना के तहत रोजगारपरक प्रशिक्षण दिए जाएंगे। योजना बनाए जाने के साथ हीं इसके कोर्स की रूप-रेखा तैयार कर ली गई है तथा इस पर अमल भी करना शुरू कर दिया गया है। फिलहाल विभाग इसके लिए बिहार स्किल डेवलपमेंट मिशन से निबंधन कराने में लगा है। निबंधन होते हीं प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर दिया जाएगा।
क्या है पूरी योजना इस योजना के तहत कृषि विभाग व कृषि विज्ञान केंद्र के संयुक्त प्रयासों से चयनित युवकों व किसानों को वर्मी कम्पोस्ट व मशरूम उत्पादन के प्रशिक्षण दिए जाएंगे। यह प्रशिक्षण 90 दिनों का होगा जिसमें प्रशिक्षुओं को विषय की सैद्धान्तिक जानकारी के साथ हीं प्रायोगिक जानकारी भी दी जाएगी। जिससे प्रशिक्षुओं को इसके उत्पादन में कोई भी कठिनाई नहीं हो।
कहां होगा प्रशिक्षण चुने गए उम्मीदवारों को कृषि विभाग के सौजन्य से जिला कृषि विज्ञान केंद्र में प्रशिक्षण दिया जाएगा। यहां विषय की सैद्धांतिक जानकारी दी जाएगी जबकि मशरूम और वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन की प्रायोगिक जानकारी विभाग द्वारा सभी प्रशिक्षुओं को इसके उत्पादकों के यहां लेजाकर पूरी प्रक्रिया को प्रायोगिक रूप में भी दिखाते हुए समझाया जाएगा।
प्रशिक्षण के लिए चयन प्रक्रिया
दोनों उत्पादनों के प्रशिक्षण के लिए ग्रामीण इलाकों के किसानों, युवकों का चयन किया जाएगा। इसके लिए वैसे हीं किसानों अथवा युवकों का चयन किया जाएगा जो ग्रामीण क्षेत्र से होने के साथ हीं पढ़े लिखे भी होंगे। चयन प्रक्रिया पूरी करने के बाद बैच का निर्धारण कर प्रशिक्षण शुरू कर दिया जाएगा।
स्वरोजगार में मदद
चयनित प्रशिक्षुओं को 90 दिनों के प्रशिक्षण के उपरांत इनके प्लेसमेंट की भी व्यवस्था विभाग की ओर से की जाएगी। प्रशिक्षण पूरा होने पर सभी को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए अनुदान दिए जाने की भी योजना है। इसके तहत पुरूष उम्मीदवारों को 1500 और महिलाओं को 3000 रूपये दिए जाएंगे। जिससे वो स्वयं का रोजगार स्थापित कर उत्पादन शुरू कर सकें और उनकी आमदनी होनी शुरू हो जाए।
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