गाजियाबाद : इंजीनियरिंग की पढ़ाई के साथ कौशल विकास का पाठ पढ़कर स्टूडेंट्स उद्योगों की मांग के अनुसार तैयार हो सकेंगे। कौशल विकास के महत्व और उद्योगों की जरूरतों के मुताबिक स्टूडेंट्स को तैयार करने के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम में बड़े पैमाने पर बदलाव की मुहिम शुरू कर दी है।
एआईसीटीई की कवायद पूरी होने के बाद एकेटीयू के आगामी सत्र 2017-18 में इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम में तब्दीली देखने को मिल सकती है। पाठ्यक्रम को और रोजगार परक बनाने और उद्योगों की मांगों को समाहित करने के लिए देशभर के वरिष्ठ प्रोफेसर और उद्योगों के एक्सपर्ट्स का पैनल इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम को रिव्यू करने में लगा है।
पैनल का काम पूरा होने के बाद एकेटीयू सहित एआईसीटीई से संबद्ध देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों के पाठ्यक्रमों में बदलाव और कौशल विकास का जोर देखने को मिलेगा। एआईसीटीई के क्षेत्रीय अधिकारी डा. मनोज तिवारी ने बताया कि पाठ्यक्रमों में बदलाव की प्रक्रिया के अंतर्गत कौशल विकास को विभिन्न विषयों में समाहित किया जाएगा।
एकेटीयू ने पहले ही शुरू किए आंशिक बदलाव
एआईसीटीई के साथ एकेटीयू ने पहले से ही विभिन्न ब्रांचेज के पाठ्यक्रमों को उद्योगों के अनुरूप तैयार करने और थ्योरी की जगह कोर्सेज में प्रैक्टिकल वर्क की अधिकता पर काम शुरू कर दिया है। विवि ने इलेक्ट्रिकल सहित कई अन्य ब्रांचेज के पाठ्यक्रम में आंशिक बदलाव भी किया है।
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