बाल श्रमिकों के लिए राज्य में खुलेंगे आवासीय स्कूल, 14 वर्ष से अधिक उम्र होने पर दिया जाएगा कौशल विकास प्रशिक्षण

पटना (बिहार) : राज्य में बालश्रम से मुक्त कराए गए बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय खुलेंगे। यहां ऐसे बच्चों के समग्र विकास की व्यवस्था रहेगी। बच्चे यहां पारिवारिक माहौल में रहेंगे। पढ़ाई के साथ यहां खेलने की भी बेहतर व्यवस्था होगी। बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर पूरा जोर होगा। 14 वर्ष से अधिक उम्र होने पर इन्हें कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के बाद श्रम संसाधन विभाग ने बालश्रम से मुक्त कराए बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय का प्रस्ताव तैयार किया है। कैबिनेट से मंजूरी के बाद इसे अमलीजामा पहनाया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत ऐसे जिलों में आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे, जहां अधिक बालश्रमिक मुक्त कराए जाते हैं। शुरू में एक स्कूल में 60 या 120 बच्चों के लिए पढ़ाई से लेकर पूरी सुविधाएं दी जाएंगी। यहां बच्चे अपनी रुचि के अनुसार जूडो-कराटे, कुश्ती, संगीत, नृत्य, क्रिकेट के साथ विभिन्न प्रकार के खेल भी सीख सकेंगे। सरकार टेंडर के माध्यम से एनजीओ या संगठनों को इनके संचालन की जिम्मेदारी देगी, जो सबसे न्यूनतम राशि में बेहतर सुविधा मुहैया कराएगी। श्रम संसाधन विभाग बालश्रम विद्यालयों का मॉनिटरिंग करेगा।

उच्च शिक्षा के लिए भी दी जाएगी हर संभव मदद

बाल श्रम से मुक्त कराए गए बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे। यहां बच्चों के समग्र विकास की सुविधा उपलब्ध होगी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत ऐसे विद्यालयों के संचालन की जिम्मेदारी एनजीओ या बच्चों के लिए काम करने वाली संस्थाओं को दी जाएगी। आगे की शिक्षा के लिए भी हर संभव मदद दी जाएगी। इन बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल विकास पर भी जोर दिया जाएगा। बच्चों को आवासीय सुविधा 18 वर्ष पूरी होने तक दी जाएगी। -दीपक कुमार सिंह, प्रधान सचिव, श्रम संसाधन विभाग

मुनौव्वर की सफलता से विभाग उत्साहित

2007 में किशनगंज में बालश्रम से मुक्त कराए गए 10 वर्षीय मुनौव्वर ककहरा भी नहीं जानता था। प्रथम संस्था ने ज्ञानशाला खोल कर मुंबई दिल्ली के चूड़ी फैक्ट्री से मुक्त कराए गए 300 बच्चों के साथ मुनौव्वर को रखा। यहां इतनी लगन से मुनौव्वर ने पढ़ाई की कि 2016 में ऑल इंडिया मेडिकल टेस्ट में सफलता हासिल कर जाॅर्ज मेडिकल कॉलेज का छात्र बन गया। इस सफलता के बाद सीएम ने विभाग को ऐसे बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय खोलने का निर्देश दिया था।

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