कुशल युवा कार्यक्रम में देरी, कौशल विकास केंद्रों में युवाओं को प्रशिक्षण अब दिसंबर से

पटना (बिहार) : कौशल विकास केंद्रों में युवाओं का प्रशिक्षण अब दिसंबर में ही शुरू हो सकेगा। इसके पहले सरकार ने 15 नवंबर से कुशल युवा कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण शुरू करने की घोषणा की थी। इसमें युवाओं को बेसिक कंप्यूटर और अंग्रेजी हिंदी का भाषाई जानकारी दी जानी है। प्रशिक्षण में देरी के दो कारण बताए जा रहे हैं। पहला, निबंधित युवाओं की सूची श्रम संसाधन विभाग को नहीं मिलना तथा 81 प्रखंडों में प्रशिक्षण केंद्र संचालन की जिम्मेदारी अब तक तय नहीं हो पाना।

बिहार कौशल विकास मिशन के माध्यम से प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाना है। इसके लिए सभी प्रखंडों में कौशल विकास केंद्र बनवाया गया है। केंद्र संचालन के लिए संस्थाओं को चयन किया गया है। श्रम विभाग ने निजी परिसर में कौशल प्रशिक्षण केंद्र चलाने के लिए आवेदन करने वाली निजी संस्थाओं में से 936 को केंद्र खोलने की अनुमति दी है। कुशल युवा कार्यक्रम के तहत राज्य में करीब 3500 प्रशिक्षण केंद्र खोलना है। इन केंद्रों में जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र से भेजे जाने वाले युवाओं को भाषा हिन्दी, अंग्रेजी, संवाद कला और कंप्यूटर का प्रशिक्षण दिया जाएगा। 240 घंटे का प्रशिक्षण होगा। एक बैच में 20 युवा रहेंगे। तीन माह का कोर्स है। हर दिन चार घंटे यहां प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण देने वाली एजेंसी को प्रशिक्षणार्थी की उत्तीर्णता के आधार पर निर्धारित राशि दी जानी है। माना जा रहा है जनवरी के प्रथम सप्ताह में युवाओं का कौशल विकास प्रशिक्षण शुरू होगा।

युवाओं को रोजगार पाने में मिलेगी मदद

इंटरमीडिएट उत्तीर्ण युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाना है। प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं को अपने जिला में बनाए गए निबंधन केंद्र पर निबंधन कराना है। योजना एवं विकास विभाग द्वारा इन निबंधन केंद्रों से ऐसे युवाओं का निबंधन कराकर श्रम संसाधन विभाग को सूची देनी है। निबंधन के बाद हर प्रशिक्षणार्थी से उनके गृह प्रखंड स्थित कौशल विकास केंद्र पर सिक्युरिटी मनी के रूप में एक हजार रुपए जमा लिया जाएगा। कुशलतापूर्वक प्रशिक्षण समाप्त करने और न्यूनतम अंक प्राप्त करने के बाद सिक्युरिटी मनी वापस कर दिया जाएगा।

प्रशिक्षक को प्रशिक्षण

कौशल विकास केंद्र पर प्रशिक्षण देने वाले प्रशिक्षक के लिए रविवार को कार्यशाला में उन्हें बताया गया कि कैसे प्रशिक्षण देना है। बताया गया कि प्रशिक्षण पाने वाले युवाओं को प्रतियोगिता परीक्षा और अन्य जॉब पाने लायक बनाना है। बिहार के युवाओं की समस्या है हर तरह से सक्षम होने के बाद भी भाषा और कंप्यूटर ज्ञान में पिछड़ने के कारण जॉब पाने में परेशानी होती है। कार्यशाला में बिहार कौशल विकास मिशन के विशेष कार्य पदाधिकारी अशोक कुमार सिंह, मिशन निदेशक संजय कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। प्रशिक्षक का चयन ऑनलाइन परीक्षा लेकर किया गया है। इसके पहले 9 नवंबर को भी कार्यशाला आयोजित की गई थी।

भाषाई क्षमता विकसित की जाएगी

दीपककुमार सिंह, श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि दिसंबरसे युवाओं का कौशल प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा। कौशल विकास केंद्र पर युवाओं में कंप्यूटर भाषाई क्षमता विकसित कर उन्हें रोजगार पाने में मदद की जाएगी।

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