पटना : सरकारी आइटीआइ में इंस्ट्रक्टर की कमी को दूर करने में श्रम संसाधन विभाग जुट गया है | 1200 से अधिक पद खाली है | सरकारी आइटीआइ गेस्ट फेकेल्टी व अंशकालीन व्यवस्था के सहारे चल रहा है | इसका असर पढ़ाई और प्रशिक्षण दोनों पर पड़ रहा है | विभाग इंस्ट्रक्टरों की बहाली को लेकर नियमावली को अंतिम रूप दे रहा है | विभाग के एक वरीय अधिकारी कहते हैं जल्द ही विभाग को तदर्थ व्यवस्था से मुक्ति मिलेगी | राज्य सरकार का कौशल विकास पर पूरा जोर है | प्रखंडों में कौशल विकास केंद्र खोला जा रहा है |
सरकार ने नीतिगत निर्णय लिया है कि राज्य के सभी जिलों में अगले वित्तीय वर्ष तक सभी महिला आइटीआइ और सभी अनुमंडल में सामान्य आइटीआइ खोलना है | चालू वित्तीय में 25 आइटीआइ खुलना है जिसमें 7 महिला आइटीआइ है | अभी राज्य में 96 सरकारी आइटीआइ है | आइटीआइ में 25 ट्रेड में पढ़ाई हो रही है |
श्रम संसाधन विभाग में डेढ़ हजार पद खाली : श्रम संसाधन विभाग में वैसे तो डेढ़ हजार के करीब पद खाली है | लेकिन प्राथमिकता इंस्ट्रक्टर के खाली पदों के भरने की है | राज्य सरकार का कौशल विकास पर फोकस रहने रहने के चलते प्राथमिकता सरकारी आइटीआइ में इंस्ट्रक्टरों के खाली पदों को भरने की है | अभी अनुबंध के आधार पर अभी 220 इंस्ट्रक्टर और कार्यरत 380 इंस्ट्रक्टर से काम चलाया जा रहा है | दो दर्जन से अधिक सरकारी आइटीआइ में प्राचार्य का पद भी रिक्त है |
श्रम संसाधन विभाग में आइटीआइ के लिए इंस्ट्रक्टर का 1564 पद स्वीकृत है. इसमें 188 मुख्य इंस्ट्रक्टर और 1376 इंस्ट्रक्टर का पद स्वीकृत है. अभी लगभग 1200 पद खाली है. इसमें से 400 ही कार्यरत है. मुख्य इंस्ट्रक्टर का 100 से अधिक और इंस्ट्रक्टर का 1000 से अधिक पद खाली है. सरकारी आइटीआइ में सालाना 30000 से अधिक छात्रों की नामांकन की क्षमता है.
श्रम संसाधन विभाग काफी समय से खाली पदों को भरने में जुटा है | विभाग ने कवायद शुरू की तो मामला कोर्ट में चला गया | पहले से जो 160 अंशकालीन इंस्ट्रक्टर काम कर रहे थे वे लोग बहाली में वेटेज की मांग को लेकर कोर्ट चले गये जिसके चलते मामला फंस गया | विभाग नियुक्ति को लेकर नियमावली बना रहा है |
श्रम संसाधन विभाग के निदेशक नियोजन व प्रशिक्षण संजय कुमार सिंह कहते हैं कि विभाग नियुक्ति के लिए नियमावली बना रहा है | नियमावली जल्द पूरा हो जायेगा | इसके बाद नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी | अभी गेस्ट फेकेल्टी से काम चलाया जा रहा है | इंस्ट्रक्टरों की कमी का असर आइटीआइ की पढ़ाई पर नहीं पड़ रहा है |
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