पटना : राज्य के श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि सूबे से बाहर यहां के युवक व युवती बड़ी संख्या में घरेलू कामगार के रूप में काम करने जाते हैं। घेरलू कामगारों की सेवा को विनियमित करने के उद्देश्य से बिहार निजी नियोजन अभिकरण एवं घरेलू कामगार विनियमन विधेयक जल्द लाया जायेगा। सिन्हा शुक्रवार को नियोजन भवन में पत्रकारों से बात कर रहे थे। मंत्री की पहली प्रेस काॅन्फ्रेंस में विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह, अवर सचिव के. सेंथिल कुमार तथा निदेशक नियोजन व प्रशिक्षण पंकज कुमार पाल भी मौजूद थे। मंत्री ने कहा कि विभाग बचपन बचाओ, प्रतिभा बढ़ाओ और युवाओं को प्रशिक्षित करो के संकल्प के साथ काम करेगा।
मंत्री ने बताया कि सरकार युवाओं के कौशल विकास के लिए कटिबद्ध है। कौशल विकास के कोर्स में अब टैली का भी प्रशिक्षण मिलेगा, ताकि जीएसटी व्यवस्था में युवाओं को लाभ मिले सके। कुशल युवा कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से पाठ्यक्रम को बाजार मांग के अनुरूप संशोधित करने की भी कार्रवाई की जा रही है। नया पाठ्यक्रम एक नवंबर से लागू किया जायेगा। 15 जुलाई से 284 प्रखंडों में कौशल विकास केन्द्रों के पंजीयन की प्रक्रिया आरंभ कर दी गयी है।
कुशल युवा कार्यक्रम के सफल परीक्षार्थियों को विन्डोज /एन्ड्रोयड टेबलेट भी दिये जाने की योजना है। भवन निर्माण श्रमिकों को आरपीएल स्कीम के तहत प्रशिक्षण एवं प्रमाणिकरण की व्यवस्था शीघ्र की जायेगी। अभी आठ लाख निर्माण श्रमिक निबंधित हैं। मार्च तक इसे 16 लाख करने की योजना है। राज्य में पहली बार श्रम नीति का निर्माण किया जा रहा है। बाल श्रमिकों के विमुक्ति एवं पुनर्वास से संबंधित वर्ष 2009 की राज्य कार्य योजना में संशोधन किया जा रहा है।
श्रम कल्याण दिवस, 17 सितम्बर को इसे जारी किया जायेगा। मुक्त कराये गये बाल श्रमिकों को शिक्षा एवं कौशल से जोड़ने के लिए पटना, गया, बांका, जमुई, नवादा, नालंदा एवं सीतामढ़ी में विशेष केंद्र खोले जायेंगे। श्रम संसाधन मंत्री ने बताया कि आइटीआइ से पास छात्रों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों में प्रशिक्षण दिया जायेगा। हुंडई आइटीआइ पास को दो साल नौकरी में रखकर ट्रेनिंग देगा. यामहा बिहार आकर संस्थानों में प्रशिक्षण देगी।
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