सेंट्रल जेल बनेगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, कैदियों को बनाएगा हुनरमंद

पूर्णिया : जेल में लंबे समय तक बंद कैदियों को हुनरमंद बनाया जाएगा। कैदियों को प्रशिक्षित कर उन्हें विभिन्न रोजगार के लायक बनाया जायेगा ताकि जेल से बाहर निकलने पर वे रोजी-रोटी कमा सकें। यानि पूर्णिया सेंट्रल जेल अब सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा। जेल प्रशासन कौशल विकास प्रशिक्षण के तहत उन्हें उनकी रूचि के अनुसार वाले व्यवसायिक कार्यों के लिए प्रशिक्षित करेगा। कैदियों को सिलाई, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, बढ़ई, राजमिस्त्री जैसे कार्यों में दक्ष बनाया जायेगा। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य कैदियों को अपराध की दुनिया से अलग कर रोजगार से जोड़ना है। सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद पूर्णिया सेंट्रल जेल में इस योजना की शुरूआत कर दी गई है। इसके अलावा केंद्रीय कारा बेउर और भागलपुर में भी इस योजना को लागू किया गया है। सरकार ने योजना के लिए प्रथम किस्त भी निर्गत कर दी है। बेउर जेल में इसकी शुरुआत पिछले माह ही हो चुकी है।

सिलाई के लिए 46 कैदियों का शुरु हुआ प्रशिक्षण

केंद्रीय कारा पूर्णिया में प्रथम चरण में सिलाई मशीन प्रशिक्षण का कार्य शुरु हुआ है। इसमें उम्रकैद के 46 कैदियों को शामिल किया गया है। जेल अधीक्षक के अनुसार कैदियों को रूचि के अनुसार रोजगार हेतु चयन के लिए एक कमेटी बनाई गई है। कमेटी द्वारा चयनित कैदी को जेल के अंदर ही बिहार सरकार के कौशल विकास प्रशिक्षक के द्वारा उस ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद जांच परीक्षा लेकर उसे प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। जेल प्रशासन के अनुसार पहले चरण में सिलाई का प्रशिक्षण देने का काम शुरू किया गया है इसके बाद चरणबद्ध तरीके से अन्य कार्यों का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

मुख्यालय करेगी मॉनीटरिंग

कैदियों को प्रशिक्षण देने की मॉनिटरिंग सीधे जेल मुख्यालय करेगी। इसके लिए प्रशिक्षण देने वाले स्थल पर सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। कैमरे की निगरानी में कैदियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और प्रशिक्षण लेने वाले कैदियों का बायोमैट्रिक मशीन से उपस्थिति भी बनाई जाएगी। इसके लिए जेल के प्रशिक्षण केंद्र पर जरूरत के सभी उपकरण उपलब्ध करा दिए गए हैं।

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