सिवान : सीएम नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘स्किल डेवलपमेंट’ (कौशल विकास मिशन) पर फिलहाल सॉफ्टवेटर का ग्रहण लग गया है। इसके कारण जिले के सभी 44 कौशल विकास केंद्रों पर जनवरी में नया बैच शुरू होने पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। इस पर किसी का वश भी नहीं है। जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र के लोग चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। प्रशिक्षण पाने के इच्छुक युवा प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में आते हैं। फार्म जमाकर वापस लौट जाते हैं। इनके विवरण को वेबसाइट पर अपलोड ही नहीं किया जा रहा है। इसके कारण श्रम विभाग स्वीकृति भी नहीं दे पा रहा है। यह स्थिति तकरीबन पूरे बिहार की है। सिर्फ सिवान में करीब सात सौ इच्छुक युवकों को पंजीकरण की स्वीकृति का इंतजार है।
बता दें कि जिले में सरकारी 14 तथा गैर सरकारी 28 कौशल विकास केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। हर केंद्र पर प्रतिदिन 20-20 बच्चों का चार बैच चलाने का फिलहाल आदेश है। इस तरह से जिले के सभी कौशल विकास केंद्रों पर 3520 बच्चों को उनकी रुचि के हिसाब से स्किल डेवलमेंट का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके बदले में प्रति छात्र प्रति घंटा 30 रुपये सरकार इनको देती है। इसी निर्धारित संख्या के आधार पर कौशल विकास केंद्रों के संचालकों ने अपने यहां प्रशिक्षक, संसाधन तथा अन्य स्टॉफ को भी रखा है। जाहिर सी बात है कि सॉफ्टवेयर में तकनीकी खराबी के कारण यदि जनवरी से शुरू होने वाले बैच में देर होती है तो प्रशिक्षकों और अन्य स्टॉफ को भी बैठाकर मानदेय देना होगा।
जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र में इंटरनेट की समस्या नहीं है, क्योंकि यहां इंट्रानेट का उपयोग किया जाता है। इसकी स्पीड भी बहुत अच्छी है लेकिन इंफोटेक कंपनी का सॉफ्टवेयर कई दिनों से ठीक से काम नहीं कर रहा है। निबंधन एवं परामर्श केंद्र के प्रबंधक मो. अख्तर ने बताया कि सर्वर से कनेक्ट ही नहीं होता है। लिहाजा कर्मियों को रात के समय भी बैठाया जाता है। रात में कुछ देर के लिए सर्वर ठीक होता है तो जितना संभव हो पाता है, उनकी डिटेल अपलोड कर दी जाती है। इस समस्या से वरीय अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। जनवरी का बैच शुरू करने के लिए डेट बढ़ाए जाने की कवायद चल रही है।
– सॉप्टवेयर में कुछ दिक्कतें आ रही हैं। जल्द ही यह परेशानी दूर हो जाएगी। -विजय शंकर, जिला योजना पदाधिकारी
यह समस्या डीआरसीसी की है। उनके यहां जो भी विवरण आते हैं, अप्रूवल में देर नहीं की जाती है। डीआरसीसी को प्ला¨नग विभाग देखता है। मैं बात करके इसका निदान कराता हूं, दीपक कुमार सिंह, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बिहार कौशल विकास मिशन ने कहा।
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