पटना : नए वित्त वर्ष में युवाओं को कौशल विकास की ट्रेनिंग देने की कवायद तेज हो गई है। मई में 50 और नए कौशल विकास केंद्र खोले जाएंगे। राज्य सरकार ने युवाओं एवं प्रशिक्षकों की ट्रेनिंग में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करने का फैसला लिया है। श्रम संसाधन विभाग द्वारा सभी डेढ़ हजार कौशल विकास केंद्रों को स्पष्ट कर दिया गया है कि जो ट्रेनर योग्य होंगे उन्हें ही केंद्रों पर रखा जाएगा।
विभाग के मुताबिक राज्य सरकार कुशल युवाओं के लिए इंप्लायमेट एक्सचेंज, कॅरियर कंसल्टेंसी, आउटसोर्सिग तथा निजी क्षेत्र की साझेदारी को प्राथमिकता देने जा रही है। इसलिए प्रशिक्षकों को बाजार में रोजगार की मांग के अनुरुप तैयार रहने को कहा गया है ताकि वे युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार के लिए तैयार कर सकें। बाजार अप्रशिक्षित कामगार की बजाय प्रशिक्षित कामगार की माग करता है। इसी जरूरत को समझते हुए ट्रेनिंग प्रोग्राम को तैयार किया गया है। विभाग की ओर से प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए देश के प्रमुख शहरों में हेल्प सेंटर खोला जा रहा है। जयपुर, उदयपुर, अहमदाबाद, मुम्बई, पुणे, नासिक, औरंगाबाद, मैसूर, बंगलुरु, रायपुर, चेन्नई, मदुरै, हैदराबाद, विशाखापट्टनम, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, भुवनेश्वर, कोलकाता, गुवाहाटी, दिल्ली, लखनऊ और अंबाला में सहायता केंद्र खोलने की मंजूरी दी गई है।
‘इस वर्ष 4 लाख युवाओं को कौशल विकास की ट्रेनिंग देने का लक्ष्य है। इस बार एग्रीकल्चर सेक्टर में भी युवाओं को कौशल विकास की ट्रेनिंग की व्यवस्था की गई है। अभी 1526 केंद्रों पर युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अगले माह 50 और नए केंद्र खोले जाएंगे। कौशल युवा कार्यक्रम में प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार देने के लिए दक्षिण कोरिया, जापान और खाड़ी देशों की कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां सामने आई हैं। देश की कई नामचीन कंपनियों ने भी प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार व प्रशिक्षण देने के लिए प्रस्ताव दिया है।’
Note: News shared for public awareness with reference from the information provided at online news portals.