रायपुर ! केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश श्री जावड़ेकर ने कहा है कि अच्छी शिक्षा से ही देश आगे बढ़ेगा। शिक्षा किसी दल का नहीं बल्कि राष्ट्रीय एजेंडा है, इसीलिए नरेन्द्र मोदी की सरकार गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने पर जोर दे रही है। अच्छी शिक्षा,सबको शिक्षा हमारा लक्ष्य है। श्री जावड़ेकर आज राजधानी रायपुर के सेजबहार स्थित शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) भिलाई के शुभारंभ समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और केन्द्रीय मंत्री श्री जावड़ेकर ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर इसका शुभारंभ किया। यह छत्तीसगढ़ का प्रथम और देश का 23 वां आईआईटी होगा। इसकी कक्षाएं भिलाई नगर में स्वयं का कैम्पस बनने तक सेजबहार स्थित शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय के परिसर में संचालित होंगी। अभी यह संस्थान कम्प्यूटर सांईस एण्ड इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और मेकेनिकल इंजीनियरिंग के साथ शुरू हो रहा है। श्री जावड़ेकर ने शैक्षणिक सत्र 2018-19 से माइनिंग इंजीनियरिंग ब्रांच शुरू करने की घोषणा की।
उन्होंने राज्य में तकनीकी शिक्षा सुविधाओं के विकास और विस्तार के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा लगातार किए जा रहे प्रयासों की भी तारीफ की। श्री जावड़ेकर ने समारोह में आईआईटी में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए बधाई दी। श्री जावड़ेकर ने कहा कि वे बड़ी कठिन परीक्षा पास करके इस संस्थान में प्रवेश पाने में सफल हुए हैं। उन्होंने उम्मीद जतायी कि यहां के छात्र पढ़ाई पूरी करने के बाद छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश का नाम रौशन करेंगे। श्री जावड़ेकर ने उच्च शिक्षा के साथ अनुसंधान और नवाचार पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमने गूगल, फेसबुक, ट्वीटर, विंडो, व्हाटसअप की खोज नहीं की, लेकिन इनके निर्माण और विकास में भारतीय युवाओं का भी योगदान है। उन्होंने कहा कि आईआईटी अनुसंधान और नवाचार आधारित संस्थान है। छात्र अपनी पढ़ाई के साथ ही अपनी कल्पना और नवाचार से कैम्पस में ही स्टार्टअप ले सकते हैं। केन्द्र सरकार ऐसे छात्रों को स्टार्टअप योजना के तहत पूरी मदद करेगी।
उच्च शिक्षा,तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने कहा कि वर्ष 2007 में छत्तीसगढ़ विधानसभा में अशासकीय संकल्प पारित कर आई.आई.टी. की स्थापना की कोशिश शुरू हुई, जो आज पूरी हो गयी। पाण्डेय ने कहा कि राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ में 68 हजार इंजीनियर बन चुके हैं, लेकिन इंजीनियरिंग शिक्षा के क्षेत्र में आज की उपलब्धि स्वर्णिम मानी जाएगी। उन्होंने कहा कि भिलाई एजुकेशन हब बन रहा है। इसमें आई.आई.टी. की स्थापना मिल का पत्थर साबित होगी। समारोह में विशेष अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री पुन्नूलाल मोहले, लोकसभा सांसद रमेश बैस, राज्यसभा सांसद सर्वश्री डॉ. भूषण लाल जागड़े, रामविचार नेताम, रणविजय सिंह जूदेव उपस्थित थे। छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव विवेक ढांड ने भी समारोह को सम्बोधित किया।
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव आर सुब्रमण्यम ने स्वागत भाषण दिया। आई.आई.टी. भिलाई के निदेशक यू.बी.देसाई ने आभार व्यक्त किया। समारोह में आई.आई.टी. हैदराबाद के गवर्निंग बोर्ड के प्रमुख बी.बी.आर. मोहन रेड्डी, राज्य शासन की तकनीकी शिक्षा सचिव श्रीमती रेणु पिल्ले सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
देश की भावी पीढ़ी का होगा निर्माण : रमन
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि आई.आई.टी. भिलाई इस राज्य और देश की भावी पीढ़ी का निर्माण करेगा। हमारा फोकस प्राथमिक शिक्षा को गुणवतापूर्ण बनाना है। छत्तीसगढ़ को बने 16 वर्ष हो गए हैं। इन वर्षों में उच्च शिक्षा के सभी संस्थान यहां आ चुके हैं। केवल आई.आई.टी. की कमी थी, जो आज पूरी हो गयी है। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि नवनिर्माण की नयी कल्पना को साकार करने हमने छत्तीसगढ़ में मजबूत प्लेटफार्म तैयार कर लिया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ निकट भविष्य में देश का सबसे तेज गति से विकसित राज्य बनेगा। हम अपने सोलह साल के इतिहास को पलट कर देखते हैं, तो हमे गर्व होता है। शिक्षा के क्षेत्र में जो इतिहास बनाना चाहते थे, उसमें शत-प्रतिशत कामयाब हुए हैं। अब छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा के क्षेत्र में ऊंची छलांग लगाने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ इलाकों तक सीमित रह गए नक्सल समस्या को छोड़ दें, तो पूरा प्रदेश शांति का टापू है। यहां का प्राकृतिक सौन्दर्य और जंगल किसी को भी मोहित करने में सक्षम है। खनिज भण्डार, सकल घरेलू उत्पाद, वित्तीय प्रबंधन में छत्तीसगढ़ आगे है। डॉ. सिंह ने कहा कि इस आई.आई.टी. में देश भर के बच्चे आए हैं। वे जब यहां से जाएंगे, तो छत्तीसगढ़ के प्रति प्रचलित धारणाओं को बदलने में मददगार बनेंगे। मुख्यमंत्री ने देश में शिक्षा के क्षेत्र को और भी ज्यादा बेहतर बनाने के लिए केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री श्री जावड़ेकर द्वारा किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए उनकी तारीफ की।
एक नजर में
यह देश का 23 वां भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान। इसमें पूर्णकालिक निदेशक की नियुक्ति होने तक निदेशक का दायित्व आईआईटी हैदराबाद के निदेशक संभालेगे। शैक्षणिक और प्रशासनिक व्यवस्थाएं आईआईटी हैदराबाद द्वारा की जाएंगी। भिलाई नगर में आईआईटी के स्थायी कैम्पस के निर्माण तक समस्त शैक्षणिक कार्य अस्थायी कैम्पस (शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर सेजबहार रायपुर) में संचालित किए जाएंगे। इसके लिए राज्य शासन द्वारा इंजीनियरिंग कॉलेज के ब्लॉक-बी को आईआईटी को उपलब्ध कराया गया है। इसके अलावा 80 सीटर महिला छात्रावास और 120 सीटर पुरूष छात्रावास भी उपलब्ध कराया गया है। आवासीय व्यवस्था के लिए 18 अलग-अलग श्रेणियों के मकान भी दिए गए हैं। आईआईटी भिलाई में इस वर्ष 118 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। इनमें 105 छात्र और 13 छात्राएं शामिल हैं। कुल प्रवेशित विद्यार्थियों में कम्प्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में 40, मेकेनिकल इंजीनियरिंग में 40 और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में 38 विद्यार्थी हैं। प्रथम सेमेस्टर के लिए आईआईटी हैदराबाद से विभिन्न विषयों के 25 प्रोफेसर अध्यापन कार्य करेंगे। आईआईटी भिलाई नगर के स्थायी कैम्पस निर्माण के लिए ग्राम कुटेला भाठा, जिला दुर्ग में 349 एकड़ और ग्राम सिरसा में 88 एकड़ जमीन चिन्हाकित की गयी है। राज्य शासन द्वारा इस आईआईटी के लिए इंडस्ट्री इन्टरेक्शन सेन्टर और रिसर्च पार्क स्थापना के लिए नया रायपुर में दस एकड़ जमीन दी गयी है
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