पटना : उद्योग विभाग सूबे के डेढ़ हजार युवकों को कौशल विकास का प्रशिक्षण देगा। छह माह तक हाजीपुर-वैशाली में चलने वाले कौशल विकास प्रशिक्षण मद में युवकों को मात्र छह हजार रुपये देने होंगे। कौशल विकास का प्रशिक्षण लेने वाले युवकों को रहने-खाने का इंतजाम भी उद्योग विभाग अपने स्तर से करेगा। अनुसूचित जाति-जनजाति के युवक युवतियों से उद्योग विभाग कोई प्रशिक्षण शुल्क नहीं लेगा।
उद्योग निदेशक पंकज कुमार सिंह ने बुधवार को बताया कि कौशल विकास मिशन के तहत सूबे के विभिन्न जिलों के 1500 युवक-युवतियां प्लास्टिक ऑपरेटिंग, प्लॉस्टिक मोल्डिंग, पाइप एंड प्रोफाइल एक्सटूजन मशीन, प्लाॅस्टिक प्रोसेसिंग इंजेक्शन मोल्डिंग और मोल्ड मेकिंग यों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस अभियान के तहत सामान्य जाति के 885, अनुसूचित जाति के 465 और अनुसूचित जनजाति के 150 युवक-युवतियों को छह माह तक प्रशिक्षण दिया जायेगा।
छह माह का प्रशिक्षण सत्र हाजीपुर के सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लाॅस्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी संस्थान में चलेगा। प्रशिक्षण सत्र में युवक-युवतियों को प्लास्टिक ऑपरेटिंग, प्लॉस्टिक मोल्डिंग, पाइप एंड प्रोफाइल एक्सटूजन मशीन, प्लाॅस्टिक प्रोसेसिंग इंजेक्शन मोल्डिंग और मोल्ड मेकिंग का तकनीक की ट्रेनिंग दी जायेगी। कौशल विकास प्रशिक्षण पर प्रति युवक उद्योग विभाग को 60 हजार रुपये खर्च आयेगा। उद्योग विभाग प्रशिक्षण पर आने वाले खर्च की 90 प्रतिशत राशि अपने फंड से प्रशिक्षणार्थियों को मुहैया करायेगा, जबकि शेष 10 प्रतिशत राशि यानी छह हजार रुपये प्रशिक्षणार्थियों को अपनी जेब से देनी होगी। उद्योग विभाग ने अनुसूचित जाति-जनजाति के युवकों को नि:शुल्क प्रशिक्षण दिलाने का निर्णय लिया है।
उद्योग निदेशक ने बताया कि 16 सितंबर तक प्रशिक्षण लेने को इच्छुक युवकों से आवेदन लिये जायेंगे। सिर्फ आवेदन देने भर से युवक प्रशिक्षण नहीं ले सकेंगे, उन्हें प्रतियोगिता-परीक्षा भी देनी होगी। परीक्षा में सफल होने पर ही उनका प्रशिक्षण के लिए चयन किया जायेगा।
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