भीम (राजस्थान) : असंगठित क्षेत्र में भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों के कार्ड बनाने में जिले के कई ब्लॉक में धीमी गति से काम चल रहा है। इस साल जनवरी में योजना की शुरुआत के बाद अब तक जिले भर में 23 हजार 379 श्रमिकों के कार्ड बनाए हैं। जबकि करीब ढाई लाख श्रमिक हैं। इस कारण जिले में कई श्रमिक योजना के लाभ से वंचित हैं। श्रमिकों का हिताधिकारी के रूप में पंजीयन किया जाता है। अभी तक गांव ढाणियों तक यह योजना नहीं पहुंची है। इसके लिए विशेष शिविर भी नहीं लगाए हैं।
श्रमिकके साथ दुर्घटना स्थायी अपंगता होने पर बीमा हितलाभ मिलता है। श्रमिक की दुर्घटना में मौत पर पांच लाख, स्थायी पूर्ण अपंगता पर 3 लाख रुपए, स्थायी आंशिक अपंगता पर एक लाख रुपए, सामान्य मृत्यु पर दो लाख रुपए, घायल होने पर 20 हजार रुपए की सहायता राशि मिलती है। इसके अलावा शुभ शक्ति योजना में 6 माह पंजीकृत हिताधिकारी होने पर बेटी की शादी पर 55 हजार रुपए देय होंगे। निर्माण श्रमिकों को शिक्षा कौशल विकास योजना में हिताधिकारियों के बच्चों की शिक्षा तकनीकी शिक्षा और इंजीनियरिंग मेडिकल प्रोफेशनल शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति तथा मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन राशि का प्रावधान है।
निर्माण श्रमिक से आशय उस व्यक्ति से है जो किसी भवन या अन्य संनिर्माण कार्य में कुशल, अर्धकुशल या अकुशल श्रमिक के रूप में शारीरिक, सुपरवाइजर, तकनीकी या लिपिकीय कार्य, वेतन या पारिश्रमिक के लिए करता हो। पत्थर काटने वाले, तोडऩे वाले, पीसने वाले कामगार, राज मिस्त्री, बढ़ई, पुताई करने वाले, फिटर या बार बेंडर, सड़क या पाइप मरम्मत कार्य में लगे प्लम्बर, इलेक्ट्रीशियन, कुएं खोदने वाले, वेल्डिंग करने वाले, मेट, मजदूर या बेलदार, स्प्रेमैन, मिक्सरमैन, कुएं से गाद हटाने वाले गोताखोर, हथौड़ा चलाने वाले, लोहार, लकड़ी चीरने वाले, पंप ऑपरेटर, मिक्सर चलाने वाले, रोलर चालक, बड़े यांत्रिकी कार्य जैसे भारी मशीनरी पुल के कार्य में लगे खलासी, चौकीदार, मोजाइक पॉलिश करने वाले, सुरंग कर्मकार, संगमरमर पत्थर कर्मकार, चट्टान तोडऩे वाले (जो खान अधिनियम के अंतर्गत नहीं आते हैं), मिट्टी का कार्य करने वाले, चूना बनाने वाले श्रमिक इस योजना के अंतर्गत आते हैं।
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