जबलपुर (मध्य प्रदेश) : अक्सर माना जाता है कि कॅरियर बनाने के लिए पढ़ाई करनी ही पड़ती है। उसके बाद व्यवसाय के गुर सीखने, नौकरी के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। लेकिन, जबलपुर के जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के हार्टीकल्चर विभाग में पढ़ाई के दौरान ही युवाओं को कमाई के गुर सिखाए जा रहे हैं। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्किल इंडिया की छवि को देखा जा सकता है। दरअसल प्रोफेशनल लर्निंग प्रोग्राम (पीआईएल) की शुरुआत विवि में की गई है। इसके तहत आठवें सेमेस्टर में छात्र-छात्राओं को छह माह तक बीज, भूमि, फल/फसल उत्पादन से जोड़ दिया जाता है। छात्र बाजार और भौतिक परिस्थितयों का सामना अपने बूते पर करते हैं।
उगाते, बेचते हैं
दिलचस्प पहलू यह है कि छात्र-छात्राएं अपनी रुचि के अनुसार फल, सब्जी, फसल का जिम्मा लेते हैं। खेत में बीज लगाने से लेकर पौधे की देखभाल कर, फसल तैयार करने की जिम्मेदारी दी जाती है। जब फसल तैयार हो जाती है तो उन्हें बाजार में छात्र खुद बेचते हैं। इससे जो मुनाफा होता है वह छात्रों को मिलता है। छात्र-छात्राओं ने वर्ष 2015-16 के दौरान 88 हजार रुपए से ज्यादा कमाए। इसमें से 48 हजार रुपए छात्र-छात्राओं को मिलेंगे। विश्वविद्यालय के फंड में जाएगा। विवि प्रबंधन ने इस व्यवस्था के लिए रिवाल्विंग फंड बनाया है। शुरुआत में रोजगार के लिए खुद पैसे दिए जाते हैं। कमाने के बाद उसे विवि को लौटाने पड़ते हैं।
कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर के हेड डॉ. एके नायडू ने बताया कि इस व्यवस्था के पीछे छात्रों को पढ़ाई के साथ ही युवा उद्यमी बनाए जाने की सोच है। इसे ध्यान में रखकर इस अनोखे प्रोग्राम को रन किया गया है। यह कठिन चुनौती होता है। तब वे खुद को ढाल पाते हैं।
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