देहरादून : राज्यपाल डॉ. कृष्णकांत पाल ने कहा कि बढ़ती बेरोजगारी को रोकने के लिए विश्वविद्यालयों में कौशल विकास पाठ्यक्रमों को और अधिक बढ़ावा दिए जाने की सख्त जरूरत है, ताकि बेरोजगारों को अधिक से अधिक रोजगार मिल सके।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में वर्षभर पढ़ाई के साथ ही अन्य रचनात्मक कार्यक्रम भी किए जाने जरूरी हैं। राज्यपाल डॉ. पाल शुक्रवार को कुमाऊं विवि के 13वें दीक्षांत समारोह के बाद पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई विश्वविद्यालयों में समय से दीक्षांत समारोह नहीं होने की वजह से विद्यार्थियों को समय पर डिग्रियां नहीं मिल पा रही हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है। लेकिन, कुमाऊं विवि ने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
विवि ने लगातार दो वर्ष दीक्षांत समारोह किया है, जो काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा कि कुमाऊं विवि को इस बार नैक द्वारा ए श्रेणी के विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए कुलपति प्रो. होशियार सिंह धामी समेत उनकी पूरी टीम बधाई की पात्र हैं।
उन्होंने दीक्षांत समारोह के सभी उपाधि धारकों को अपनी शुभकामनाएं दीं। राज्यपाल ने कहा कि कुमाऊं विवि सीमित संसाधनों के बाद भी लगातार शिक्षा, शोध समेत अन्य रचनात्मक कार्यक्रमों में उत्तरोत्तर प्रगति कर रहा है, इससे अन्य विश्वविद्यालयों को भी सीख लेनी चाहिए।
वार्ता के दौैरान कुलपति प्रो. एचएस धामी, रजिस्ट्रार प्रो. डीसी पांडे, डीएसबी परिसर के निदेशक प्रो. एसपीएस मेहता, डीएसडब्ल्यू प्रो. देवेंद्र सिंह बिष्ट और प्रॉक्टर डॉ. आशीष तिवारी आदि थे।
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