सर्वे, टीचिंग, सफाई और जागरूकता जैसे कामों में युवाओं को 100 घंटे का रोजगार देगी सरकार

पानीपत :  हरियाणा के युवाओं के लिए मनरेगा की तर्ज पर अब सरकार ही एक महीने में 100 घंटे के रोजगार की व्यवस्था करेगी। पहली कोशिश होगी कि उन्हें सरकारी विभागों, बोर्ड, कॉरपोरेशन, आयोग, शैक्षणिक, नगरीय निकाय जैसी संस्थाओं में काम दिलाया जाए। इसके साथ ही विभिन्न प्रोजेक्ट जैसे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, स्वच्छ भारत मिशन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, कमजोर छात्रों को पढ़ाने, जल संरक्षण और पराली जलाने के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने जैसे काम भी लिए जाएंगे। इसके बदले पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं को 6000 रुपए दिए जाएंगे। बेरोजगारी भत्ता 3000 रुपए इससे अलग होगा।

सरकार ने इस स्कीम को प्रदेश में होने वाले इनवेस्टमेंट प्रोग्राम से भी जोड़ा है। यानी उन्हें प्राइवेट सेक्टर में भी 100 घंटे का रोजगार दिलवाया जाएगा। इसके लिए उद्योग एवं वाणिज्य विभाग को नोडल डिपार्टमेंट बनाया गया है। पिछले सप्ताह ही कैबिनेट से मंजूर हुई ‘बेरोजगारी भत्ता एवं मानदेय योजना-2016’ के तहत सभी विभागों से उनकी रिक्वायरमेंट मांग ली गई है। जबकि प्राइवेट सेक्टर में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के माध्यम से 1 महीने में 100 घंटे काम दिलाया जाएगा। ऐसे युवाओं को सरकार से केवल 3000 रुपए बेरोजगारी भत्ता ही मिलेगा, जबकि 100 घंटे काम के बदले बाकी राशि संबंधित कंपनी, उद्योग अथवा फैक्ट्री ही देगी। श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि बेरोजगारी भत्ता स्कीम के तहत युवाओं को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का विकल्प दिया जा रहा है। इससे उन्हें काफी सुविधा होगी।

ऐसे मिलेगा 100 घंटे का काम

संबंधित आवेदक को सबसे पहले वेब पोर्टल (upcoming www.hreyahs.gov.in ) पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। रजिस्ट्रेशन करते समय उसे किसी भी एक जिले का चयन करना होगा। हर साल मार्च और सितंबर के आखिरी पखवाड़े में 6 माह के अंतराल पर ऑनलाइन जिला बदलने का ऑप्शन होगा। आवेदक को अपने पसंद के न्यूनतम 5 काम बताने होंगे। ऐसे युवाओं को मानदेय अधिकतम 3 साल या 35 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) दिया जाएगा। सभी आवेदकों की जिलेवार सीनियॉरिटी लिस्ट रखी जाएगी। जिस आवेदक की आयु ज्यादा होगी, उसे पहले रोजगार दिया जाएगा। अगर किन्हीं आवेदकों की आयु समान हो तो पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री पहले प्राप्त करने वाले को प्राथमिकता दी जाएगी। अगर डिग्री का वर्ष भी समान हो तो सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वालों को प्राथमिकता मिलेगी।

स्किल ट्रेनिंग भी कराई जाएगी: इस स्कीम को स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम से भी जोड़ा गया है। अगर सरकार किन्ही कारणों से सभी योग्य आवेदकों को रोजगार उपलब्ध नहीं करवा पाती है तो उन्हें 3000 रुपए बेरोजगारी भत्ता भी इसी शर्त पर मिलेगा कि वह स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम में ट्रेनिंग लेगा। इसके लिए उसका नाम इंडस्ट्री एवं कॉमर्स डिपार्टमेंट की ओर से भेजा जाएगा। ऐसे युवाओं को ऑनलाइन आवेदन करते समय 200 में से कम से कम 10 ट्रेड चिन्हित करने होंगे। अगर वह ट्रेनिंग प्रोग्राम से लगातार दो बार गैरहाजिर होता है तो उसका भत्ता रोक लिया जाएगा। तीसरी बार की गैरहाजिरी में भत्ता बिलकुल बंद कर दिया जाएगा।

बेरोजगार युवाओं से लिए जाएंगे ये काम

रिसिप्ट-डिस्पैच क्लर्क, कंप्यूटर ऑपरेटर, टाइपिस्ट, डाक वितरण, बीपीएल सर्वे, वोटिंग लिस्ट दुरूस्तीकरण अभियान, एसआरडीबी सर्वे, सरकारी स्कूलों में कमजोर छात्रों का पढ़ाना, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग करवाना, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान, जल संरक्षण, सूक्ष्म, लघु सिंचाई परियोजनाओं, मिट्टी परीक्षण, खेतों में पराली जलाने से रोकने, स्कूल, कॉलेज, ग्राम पंचायतों में खेल और योग की कोचिंग कक्षाएं चलाने, वृद्धाश्रम में सेवाएं, ट्रेफिक कंट्रोल, होमगार्ड, सूचना, शिक्षा एवं संचार (आईईसी) और सरकारी एजेंसियों की विभिन्न विपणन, क्षेत्रीय प्रचार और जागरूकता जैसे कार्य उपलब्ध कराए जाएंगे। इसी तरह प्राइवेट सेक्टर में सूचना प्रौद्योगिकी, ऑटो मोबाइल एवं अलायड इंडस्ट्री, टैक्सटाइल, बैकिंग, बीमा, वित्तीय सेवाएं, रिटेल सेक्टर एवं कृषि और संबद्ध सेक्टर में रोजगार दिलाया जाएगा।

सरकारी कर्मियों को मिलेगी राहत

इससे विभिन्न विभागों में सरकारी कर्मचारियों, टीचरों को बड़ी राहत मिलेगी। यानी अब उनसे तयशुदा ड्यूटी के अलावा अतिरिक्त कार्य नहीं लिया जाएगा। इससे सरकार के खिलाफ होने वाले धरने-प्रदर्शन और आंदोलनों में भी कमी आएगी। अभी तक ऐसे कामों को लेकर टीचरों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, महिला सुपरवाइजरों समेत कई विभागों के कर्मचारियों को परेशानी होती है। महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाइजरों ने सरकार के खिलाफ इसीलिए आंदोलन छेड़ रखा है क्योंकि उन्हें 0 से 5 साल तक के बच्चों के आधारकार्ड बनाने के काम में लगाया गया था। इसी तरह कोर्ट का भी दबाव रहता है कि टीचरों से गैर शैक्षणिक गतिविधियों में काम न लिया जाए।

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