हरियाणा के लिए राजकीय स्कूलों में खुलेंगे 500 स्किल लैब (कौशल विकास सेंटर ), कृषि एक्पर्ट से लेकर डिजिटल विशेषज्ञ बनेंगे बच्चे

रेवाड़ी (हरियाणा) : बच्चों में विभिन्न कौशल विकसित करने के उद्देश्य से हरियाणा के 500 राजकीय स्कूलों में अलग-अलग कौशल विकास लैब व सेंटर खोले जाएंगे। इन स्कूलों में रिटेल, हेल्थ केयर, पेशेंट केयर, ब्यूटी एंड वेलनेस, बैंकिंग एंड फाइनेंस, कृषि कौशल, सिक्योरिटी कौशल संबंधी लैब-सेंटरों का निर्माण होगा। इन सेंटरों के माध्यम से स्कूली बच्चों को शिक्षा के अलावा अलग अलग स्किल डेवलप करने का भी मौका मिलेगा।

जिससे भविष्य में बच्चे संबंधित फील्ड में अपना कैरियर चुन सकते हैं व स्वरोजगार भी कर सकते हैं। बच्चों को ट्रेन करने के लिए स्कूलों में शिक्षक से लेकर कौशल विशेषज्ञों की टीम काम करेंगी। यह टीम बच्चों को कंप्यूटर-इंटरनेट व अन्य आधुनिक तकनीकों के जरिये कौशल विकास का काम करेगी।

जिले की राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की टीम ने सेंटर के लिए निर्धारित जगह के स्कैच, इस्टीमेट आदि मुख्यालय को भेज दिए हैं। सेंटरों का निर्माण कार्य मार्च माह में शुरू हो जाएगा। बता दें कि केंद्रीय कौशल विकास मंत्रालय की राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क(एनएसक्यूएफ) स्कीम के तहत प्रदेश में अलग-अलग 500 कौशल लैब व सेंटर खोल जाने हैं, जिसमें 24 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रेवाड़ी जिले से चुने गए हैं।

भविष्य में सभी स्कूलों में ऐसे सेंटरों का निर्माण किया जाएगा। अभी तक जिले में केवल 6 स्कूलों में पेशेंट केयर एसिस्टेंट व फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स की लैब चल रही थी।

कृषि एक्पर्ट से लेकर डिजिटल विशेषज्ञ बनेंगे बच्चे

केंद्र सरकार की एनएसक्यूएफ योजना के तहत बच्चे व युवा पीढ़ी में पढ़ाई के अलावा अलग-अलग कौशलों का विकास करना है। इसी के चलते अब विशेषकर राजकीय स्कूलों में विभिन्न क्षेत्रों, सेक्टर से जुड़े कौशल, जानकारी को स्किल सेंटरों के माध्यम से बच्चों में विकसित किया जा रहा है। स्किल सेंटर खुलने के बाद बच्चे विभिन्न विषयों व क्षेत्रों से जुड़ी ढेर सारी जानकारी हासिल कर पाएंगे। कृषि व बैंकिंग एंड फाइनेंस लैब की बात करें तो इसके जरिये बच्चों को कृषि क्षेत्र की बारीकि और आधुनिक पैमाने पर कृषि विकास संबंधी जानकारी उपलब्ध होगी। वहीं बैंकिंग एंड फाइनेंस से बच्चों को डिजिटल तकनीक, कैशलेस प्रणाली की पूर्ण जानकारी होगी। स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद बच्चे एक स्किल एक्सपर्ट के रूप में बाहर निकलेंगे।

 रेवाड़ी के इन स्कूलों में खुलेंगे सेंटर

जिले के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक सहारनवास में रिटेल कौशल सेंटर, मसानी में पेशेंट केयर, बिठवाना में पेशेंट केयर, काकोरिया में फिजिकल एजुकेशन व स्पोट्र्स सेंटर, सुल्खा में पेशेंट केयर, कापड़ीवास में सिक्योरिटी कौशल सेंटर, शहबाजपुर में ब्यूटी एंड वेलनेस, गढ़ी बोलनी में फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स, सीहा में कृषि कौशल सेंटर, बेरली खुर्द में फिजिकल एजुकेशन, मंदोला में ब्यूटी एंड वेलनेस, नेहरुगढ़ व मोहनपुर में पेशेंट केयर एसिस्टेंट, कोसली में ब्यूटी एंड वेलनेस, नांगल तेजु व खोरी में बैंकिंग एंड फाइनेंस सिर्विसिज, माजरा-भालखी में ब्यूटी एंड वेलनेस, देहलावास व झाड़ोदा में हेल्थ केयर, हांसाका फिजिकल एजुकेशन, बीकानेर मे बैंकिंग एंड फाइनेंस, नांगल शहबाजपुर में हेल्थ केयर के सेंटर खुलने हैं।

लगभग 10 लाख की लागत से बनेगा एक सेंटर

सर्व शिक्षा अभियान के कनिष्ठ अभियंता संजय कुमार ने बताया प्रत्येक लैब के निर्माण में 9.80 लाख रुपये की लागत आएगी। वर्ष 2016-2017 के बजट में एसएसए की ओर से निर्माण किया जाना है। सभी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद लैब निर्माण के लिए मार्च माह में बजट पास होगा, जिसके बाद कंस्ट्रक्शन का काम शुरू होगा।

बृजेश कुमार, डीपीसी, सर्व शिक्षा अभियान ने कहा कि स्किल डेवलपमेंट को लेकर केंद्र सरकार बेहद गंभीर है। शुरूआती दौर में जिले के 24 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में कौशल विकास सेंटरों का निर्माण किया जाएगा। इन सेंटरों के द्वारा बच्चों में सामान्य शिक्षा के अलावा टेक्निकल तरीके से विभिन्न स्किल डेवलप की जा सकेगी। बच्चे स्कूल से अपने संबंधित विषय के अलावा अनेक फील्ड की गहन जानकारी लेकर बाहर निकलेंगे।

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