पहले इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लाले पड़े थे, वहीं अब आईटीआई में उससे भी बुरा हाल है, 31 तक होंगे दाखिले

सोनीपत : तकनीकी शिक्षा के मामले में जहां पहले इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लाले पड़े थे वहीं अब तकनीकी स्तर पर प्राथमिक शिक्षा कहे जाने वाली आईटीआई में उससे भी बुरा हाल है। कहा तो दाखिले मेरिट के आधार पर करने की बात होती थी वहीं अब सीटें भरने को लेकर ही टेंशन खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। बड़ी हैरानी की बात तो यह है कि राजकीय आईटीअाई जुआं, कथूरा और बीबीएन कथूरा में चाैथी काउंसलिंग तक इस बार एक भी सीट पर दाखिला नहीं हो सका है। यह हालात तब है जब शासन प्रशासन की ओर विकास कौशल के नाम पर विभिन्न जागरूक कार्यक्रम चलाए तथा हेल्प लाइन डेस्क भी लगाए बावजूद इसके इस बार विद्यार्थी आईटीअाई तक पहुंच ही नहीं सकें। विद्यार्थी 31 अगस्त तक दाखिला ले सकते हैं। सोनीपत जिले में आईटीआई में यह आवेदन प्रक्रिया तीन जुलाई से शुरू जोकि 18 जुलाई तक जारी रही। पहली सीट अलाटमेंट सूची 23 जुलाई को जारी की गई। दूसरी अलॉट सूची 30 को जारी हुई। सीट अलॉटमेंट सूची छह अगस्त को जारी हुई। सीट खाली रहने पर अब 31 अगस्त तक दाखिले का अवसर प्रदान किया गया है।

50% नहीं हुए ताे रद्द हाे जाएगी ट्रेड

यदि किसी ट्रेड में 50 प्रतिशत सीटें भी नहीं भरती है तो उस ट्रेड के दाखिले अमान्य कर दिए जाते हैं तथा उन दाखिलों को फिर नजदीकी आईटीआई में शिफ्ट किया जाता है। राजकीय के साथ ही निराशा निजी संचालकों को भी इस बार काफी हुई है जहां कई आईटीआई में 20 सीटें भी नहीं भर सकी है।

अब आगे क्या?

निजी आईटीआई संचालकों ने यूपी, बिहार एवं नेपाल में अपनी टीमाें काे दाखिले के लिए भेजा है जाे बच्चाें काे दाखिले के लिए राजी करके लाएंगे। क्योंकि मानक अनुसार सीटें नहीं मिली तो न केवल ट्रेड बल्कि आईटीआई संचालन में भी दिक्कत खड़ी हो सकती है। जिले की 17 आईटीअाई में 4292 सीटों में से केवल 1674 दाखिले हुए, अब अावेदन के 6 दिन बचे।

क्या है कारण?

दसवीं का खराब परीक्षा परिणाम: इस बार छात्र-छात्राओं का पास प्रतिशत केवल 54.73 ही रह गया है, जबकि पिछले वर्ष 2017 में जिले का पास प्रतिशत 62.94 था तथा 2016 में 69.84 के साथ जिले का पास प्रतिशत प्रदेशभर में पहले स्थान पर था वहीं इस बार प्रदेश में 14वें नंबर पर पहुंच गया। इस वर्ष जिले में कुल 23 हजार 417 विद्यार्थी परीक्षा में बैठे और कुल 12 हजार 817 ही पास हो सके।

अॉनलाइन दाखिलों की नाॅलेज नहीं: चूंकि आईटीआई में मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी आते हैं वह भी जो राजकीय स्कूलों से शिक्षित होकर आए हैं, और बड़ी बात यह अधिकांश राजकीय स्कूलों में मौजूदा समय में कंप्यूटर शिक्षा ठप पड़ी है। ऐसे में बिना बेहतर नालेज के अभाव में विद्यार्थी ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकें।

देरी से एडमिशन प्रक्रिया: आमतौर पर आईटीआई में दाखिला प्रक्रिया 15 जुलाई तक पूरी हो जाती है, लेकिन इस बार यह 31 अगस्त तक चलेगी। देरी के कारण काफी विद्यार्थियों ने अपने कॅरियर के अन्य आॅप्शन अपना लिए।

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