गुरुग्राम : प्रदेश में मौजूदा उद्योगों, कॉरपोरेट, आइटी, बीपीएम व ई-कॉमर्स से पूछा जाए कि उनकी इस समय सबसे बड़ी परेशानी क्या है, तो निश्चित रूप से उनका एक ही जवाब होगा कौशल युक्त प्रोफेशनल की कमी। इन्हें अपने हर सेगमेंट में दक्षता की विशेष जरूरत है। मगर ऐसा हो नहीं पा रहा है। इंडस्ट्री की इसी दुखती रग को पहचान प्रदेश सरकार ने कौशल विकास की दिशा में हरियाणा विश्वकर्मा कौशल विकास विश्वविद्यालय की स्थापना के रूप में एक दूरदर्शी प्रयास किया है, जो आने वाले समय में युवाओं के भविष्य को संवारने में मील का पत्थर साबित होगा।
मंगलवार को एनएसक्यूएफ लेवल-7 स्नातक कार्यक्रम बीएससी ऑटोमोटिव मेकाट्रॉनिक्स और ऑटोमोटिव मैन्युफैक्चरिंग के पहले बैच की शुरुआत की। यह अपनी तरह का पहला प्रोग्राम है। विश्वविद्यालय ने इसके लिए देश की बड़ी दुपहिया वाहन निर्माता कंपनी हीरो मोटोकॉर्प के साथ करार किया है, जिसके अंतर्गत विद्यार्थियों को उसी कैंपस में पढ़ाया जाएगा साथ ही साथ ट्रेनिंग भी दी जाएगी। यह दोनों काम एक साथ होंगे। पढ़ाई पूरी होते ही वह इंडस्ट्री के लिए शत प्रतिशत योग्य होंगे। उन्हें किसी प्रशिक्षण की जरूरत नहीं होगी।
हरियाणा विश्वकर्मा कौशल विकास विवि के वाइस चांसलर राज नेहरू ने बताया कि यह देश भर में अपनी तरह का अनूठा प्रयास है। इसके लिए प्रदेश सरकार हर प्रकार से सहूलियत दे रही है। उन्होंने बताया कि दाखिला लेने वालों की कक्षाएं हीरो मोटोकॉर्प धारूहेड़ा के इंडस्ट्री कैंपस में ही हो रही हैं जहाँ कैंपस में ही विद्यार्थियों को काम के साथ-साथ पढ़ाई भी कराई जाएगी। इसके अंतर्गत विद्यार्थियों को मानदेय भी दिया जाएगा। दोनों पाठ्यक्रमों में 30-30 सीटें हैं। पिछले दिनों विश्वविद्यालय ने इसकी प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया था। यह पाठ्यक्रम सीखो और पढ़ो की तर्ज पर है। इसमें 70 प्रतिशत जॉब ट्रेनिंग व 30 फीसद थ्योरी है।
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