पलवल : परिवहन व कौशल विकास मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा है कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय राष्ट्र का पहला विश्वविद्यालय है जो विद्यार्थियों को कौशल विकास के कोर्स करवा रहा है। विश्वविद्यालय प्लंबर से लेकर इलेक्ट्रिशियन के हुनर को पेशे में बदलने वाले स्किल्ड प्रोफेशनल्स तैयार कर रहा है। स्किल यूनिवर्सिटी का सिलेबस इस तरीके से तैयार किया गया है कि पढ़ाई के साथ ही विद्यार्थी अपने परिवार के भरण पोषण के लिए कमाई भी कर रहे हैं। वे शनिवार को विश्वविद्यालय परिसर में इंडस्ट्री मीट को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर ईईएसएल (एनर्जी ईफीसीएंसी सर्विसेज लिमिटेड) कंपनी ने विश्वविद्यालय को चार ईलेक्ट्रीक कार भेंट की, जो कि बिजली द्वारा चार्ज करके चलेंगी।
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मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय वर्ष 2020 में पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा तथा उसके बाद हरियाणा की देशभर में अलग पहचान होगी। उन्होंने विभिन्न कंपनियों में प्रशिक्षण के दौरान विद्यार्थियों के साथ किसी अप्रिय दुर्घटना घटने पर संस्थानों द्वारा दुर्घटनाग्रस्त प्रशिक्षणर्थियों को प्रदान की जाने वाली सेवा-सुविधाओं के बारे में भी जानकारी ली। इस पर उद्यमियों ने बताया कि विद्यार्थियों के लिए ग्रुप इंश्योरेंश व मेडीकल सुविधा कंपनी की तरफ से तथा कौशल विकास विश्वविद्यालय की तरफ से भी विद्यार्थियों को यह सुविधा दी जा रही है। उन्होंने इस अवसर पर कई कंपनियों के साथ हस्ताक्षरित हुए एमओयू का आदान-प्रदान किया।
इस अवसर पर यूनिवर्सिटी के कुलपति राज नेहरू ने कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय 2016 में दो कोर्सों के साथ शुरू हुआ था, जिसमें लगभग 60 विद्यार्थी थे। आज इस विश्वविद्यालय में लगभग तीन हजार बच्चे लगभग 31 प्रकार के कोर्सों में प्रशिक्षण ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि गुरुग्राम में भी विश्वविद्यालय की कक्षाएं लगाई जा रही हैं।
कार्यक्रम में पलवल के विधायक दीपक मंगला, पृथला के नयनपाल रावत, फरीदाबाद के विधायक नरेंद्र गुप्ता ने विश्वविद्यालय में प्रशिक्षणार्थियों द्वारा लगाई गई स्टॉलों का निरीक्षण किया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार डॉ. ऋतु बजाज, डीन आरएस राठौर, दूधौला के सरपंच सुंदर सिंह, पलवल निगरानी समिति के चेयरमैन मुकेश सिगला भी मौजूद रहे।
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