हिमाचल : प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत हिमाचल प्रदेश के युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए केन्द्र सरकार के नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन एवं मिनिस्ट्री ऑफ स्किल डेवलपमेन्ट ने हिमाचल प्रदेश से सुझाव मांगे हैं। यह पूछा गया है कि हिमाचल प्रदेश के युवाओं का किन क्षेत्रों में कौशल विकास किया जाए ताकि वे बेहतर रोजगार से जुड़ सकें। हिमाचल प्रदेश के 10 हजार युवाओं को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से जोड़ने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
यह जानकारी शिमला में एक पत्रकार वार्ता में भारत सरकार के कौशल विकास मंत्रालय में सचिव डॉ. केपी कृष्णन ने दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार समूचे भारत के लिए एक सी योजना बनाने जा रही है, लेकिन हिमाचल प्रदेश में यदि कोई मूलभूत परिवर्तन लाने की जरूरत है, तो उसे लेकर फीडबैक लिया जा रहा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल में शिक्षा का स्तर बढ़िया है, इसलिए यहां के युवाओं को नौकरी भी अच्छी चाहिए। इसलिए हिमाचल की प्राचीन कलाओं एवं पारम्परिक शिल्प को रोजगार से जोड़ने की दिशा में कार्य किया जाएगा। अभी हिमाचल में सिर्फ टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी एवं रिटेल पर ही डिग्री कोर्स करवाया जा रहा है।
डॉ. केपी कृष्णन ने बताया कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत हिमाचल प्रदेश के युवाओं के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट है, जो कि चार साल के लिए है। इस पर हर वर्ष 25 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। हिमाचल ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है। हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम द्वारा हुनर से रोज़गार तक के नाम से चल रही इस योजना के तहत बीवोक डिग्री शुरू की गई है, जो 12 महाविद्यालय में चल रही है और 850 छात्र ये डिग्री कर रहे हैं जिसको और अधिक बढ़ाया जाएगा।
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