शिमला : कौशल विकास निगम भारत सरकार के सहयोग एवं एशियन बैंक के माध्यम से हिमाचल प्रदेश कौशल विकास परियोजना का कार्यान्वयन कर रहा है। परियोजना के तहत इस वर्ष दो हजार दिव्यांगों को विभिन्न पाठयक्रमों में प्रशिक्षण प्रदान करने तथा इनकी क्षमता के अनुसार उन्हें रोजगार की व्यवस्था करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। तकनीकी शिक्षा, श्रम व रोजगार तथा उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ने मंगलवार को शिमला में कौशल विकास निगम की कार्यशाला में कहा कि हिमाचल प्रदेश में दिव्यागजनों की संख्या 1.55 लाख है। इनमें से 90,000 को विकलागता प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके है। राज्य में विशेष आइटीआइ के अलावा विभिन्न औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में 200 दिव्यागों को विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
दिव्यांगों के लिए पांच फीसद आरक्षण
कार्यक्रम में बतौर विशेष अतिथि चेतना संस्था की संस्थापक मल्लिका नड्डा ने कहा कि अधिनियम के तहत दिव्यागजनों के अधिकारों को प्रोत्साहित व संरक्षित किया गया है। अधिनियम में 21 प्रकार की विकलागता को शामिल किया गया है और रोजगार के लिए आरक्षण तीन फीसद से बढ़ाकर पाच फीसद किया गया है।
17 से 36 वर्ष तक 50 हजार दिव्यांग
कौशल विकास निगम के प्रबंध निदेशक हंसराज शर्मा ने बताया कि राज्य में 17 से 36 वर्ष तक 50 हजार दिव्याग है, जिन्हें सक्षम बनाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि 3800 दिव्यागजनों को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा गया है। इनके लिए प्रशिक्षण मॉडयूल तैयार किया गया है जिसमें इन व्यक्तियों के मनोबल को बढ़ाने पर विशेष बल दिया जा रहा है।
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