पटना (बिहार) : भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) युवा किसानों का कौशल विकास करेगा। इससे कृषि की नई तकनीकी के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा। किसानों का चयन कृषि विज्ञान केंद्र के किसान क्लब से किया जाएगा। चयनित किसानों के लिए एक महीने तक खाने-पीने और रहने की व्यवस्था आईसीएआर करेगा। केंद्र सरकार की सोच है कि ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को कृषि आधारित कौशल प्रशिक्षण दिया जाए। ये बातें आईसीएआर पूर्वी क्षेत्र कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा संसदीय कार्य राज्यमंत्री एसएस अहलुवालिया ने कहीं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंट्रीग्रेटेड कृषि को बढ़ावा दे रहे हैं। इंट्रीग्रेटेड कृषि से ही किसानों की आमदनी बढ़ाई जा सकती है। प्रधानमंत्री की इच्छा है कि किसानी फिर से उत्तम व्यवसाय बने। इससे पहले अहलुवालिया ने आईसीएआर द्वारा किए जा रहे रिसर्च का मुआयना किया। वैज्ञानिकों को जरूरी निर्देश भी दिया। मौके पर आईसीएआर पूर्वी क्षेत्र के डायरेक्टर वीपी भट्ट भी मौजूद थे।
जलवायु परिवर्तन कृषि के लिए बड़ी चुनौती
अहलुवालियाने कहा कि इस समय सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती जलवायु परिवर्तन का कृषि उत्पादकता पर पड़ने वाले कुप्रभाव काे कम करना है। एक आकलन के अनुसार वातावरण का तापमान में एक डिग्री बढ़ोतरी से गेहूं का उत्पादन 5-6 मिलियन टन कम हो जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने लघु अवधि की फसलों और संसाधन संरक्षण तकनीकी को बढ़ावा देने की कार्ययोजना बन रही है।
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