कानपुर (उत्तर प्रदेश) : इस्पात उद्योग के विकास के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मेटल्स (आइआइएम) एक मंच के रूप में काम करेगा। इस मंच पर एकेडमिक व इंडस्ट्री दोनों साथ मिलकर काम करेंगे। स्किल डेवलपमेंट के लिए आइआइएम कई नए कोर्स शुरू करने की तैयारी कर रहा है जो इंडस्ट्री के साथ मिलकर संचालित होंगे। ये बातें आइआइएम के अध्यक्ष व आइआइटी के निदेशक प्रो. इंद्रानिल मन्ना ने 70वीं एनुवल टेक्निकल मीटिंग व 54वें नेशनल मेटॉलरगिस्ट्स डे के समापन के दौरान कहीं।
प्रो.मन्ना ने कहा कि इस्पात के क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए हमें कई चुनौतियां से निपटना होगा। हमें ऐसी तकनीक विकसित करने की जरूरत है, जो बेहतर व अधिक समय तक चलने वाली हो। ऐसे युवाओं को इससे जोड़ा जाना जरूरी है, जो इस्पात के क्षेत्र में शोध कार्य कर रहे हों। इस दौरान जीडी बिड़ला गोल्ड मेडल लेक्चर व डा. दया स्वरूप मेमोरियल लेक्चर भी आयोजित किया गया। आइआइटी बीएचयू के प्रो. एनके मुखोपाध्याय ने जीडी बिड़ला गोल्ड मेडल लेक्चर व इंडियन इंस्टीट्यूट आफ इंजीनिय¨रग साइंस एंड टेक्नोलाजी के प्रोफेसर डॉ. सुब्रता चटर्जी ने डॉ. दया स्वरूप मेमोरियल लेक्चर दिया।
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