वाराणसी : आईटी क्षेत्र में आई मंदी से उबरने के लिए आईआईटी बीएचयू ने की है बड़ी पहल। अब आईआईटी बीएचयू तकनीकी क्षेत्र के शिक्षित बेरोजगारों को जॉब ओरिएंटेड प्रशिक्षण देगा। फिलहाल यह प्रशिक्षण आईआईटी बीएचयू में शुरू हो रहा है। लेकिन एक साल के बाद उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भी यह प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाएगा। यह जानकारी आईआईटी मेकेनिकल के प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र औ प्रो. प्रदीप श्रीवास्तव ने सोमवार को मीडिया को दी।
बतादें कि आईटी सेक्टर में मंदी की खबरें इन दिनों सुर्खियों में है। रोजाना आईटी सेक्टर से हजारों हजार लोगों को नौकरी से निकाले जाने की खबरें आ रही हैं। इसके पीछे एक बड़ा कारण ये बताया जा रहा है कि जिन लोगों को इन कंपनियों ने मोटी मोटी पगार पर रखा है दरअसल वे उस काम में दक्ष नहीं है। भारत में यह दूसरा मौका है जब इतने बड़े स्तर पर आईटी सेक्टर से लोगों को निकाला जा रहा है। इस बीच आईआईटी बीएचयू ने एक ऐसे प्रोग्राम को लांच किया है जो आईआईटियंस को स्किल्ड बनाएगा।
भारत का बहुप्रतिष्ठित इनक्यूबेटर, मालवीय संवर्धन एवं नवप्रवर्तन केंद्र आईआईटी (बीएचयू) एवं यंग स्किल्ड इंडिया (भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप) ने एक बड़ी पहल का एलान किया है।इस बाबत प्रो. मिश्र ने बताया कि शिक्षित मगर रोजगार के लायक न होना, आज के युवाओं की सबसे बड़ी समस्या है। इसके समाधान के लिए समाज के हर वर्ग को जागरूक होना पड़ेगा, ताकि युवाओं को जॉब स्किल्स की ट्रेनिंग देकर उन्हें, हर अवसर के लिए तैयार किया जा सके। इसके लिए ‘जॉब स्किल्स ट्रेनिंग फार एम्प्लॉयबिलिटी’ की शुरुआत की जा रही है जहां, बेरोजगार युवाओ,महिलाओं एवं प्रोफेशनल्स को प्रशिक्षण दिया जायेगा। कोई भी युवा इस प्रोग्राम से जुड़ने के लिए हेल्पलाइन नंबर – 7860167876 , एवं वेब साइट www.YoungSkilledIndia.com पर जाकर भी जानकारी प्राप्त कर सकता है।
मालवीय संवर्धन एवं नवप्रवर्तन केंद्र के समन्वयक प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र ने कहा की अगर जल्द ही इस समस्या को ख़त्म करने की कोशिश नहीं की गई तो 2020 तक स्तिथि काफी भयावह हो सकती है। आने वाले समय में जॉब तो होंगे मगर जॉब के लायक कैंडिडेट नहीं मिलने से बिज़नेस की उत्पादकता पर काफी बुरा असर पड़ेगा। बेरोजगार युवाओं को ‘जॉब स्किल्स ट्रेनिंग प्रोग्राम’ के माध्यम से ही उन्हें स्टार्टअप बिज़नेस के साथ भी जोड़ा जा सकता है।
इस मौके पर प्रो. प्रदीप श्रीवास्तव ने चिंता जाहिर की है, जॉब के लायक न होना, एक रोग की तरह समाज को ग्रसित करता जा रहा है, जिसके मनोवैज्ञानिक असर की वजह से युवा पीढ़ी, अवसाद, कुंठा, आत्म विश्वास की कमी से जूझ रही है। इसका असर पूरे परिवार पर पड़ रहा है। माता- पिता भी इससे अछूते नहीं हैं, इसीलिए इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में मनोवैज्ञानिक बातों का भी ध्यान रखा गया है, ताकि उन्हें मानसिक रूप से एक कुशल प्रोफेशनल की तरह तैयार किया जा सके।
यंग स्किल्ड इंडिया के संस्थापक व सीईओ, नीरज श्रीवास्तव का कहना है कि इस प्रोग्राम को स्कूल, कॉलेज, ग्राम पंचायत तक ले कर जाने की योजना है। इसके लिए हर क्षेत्र में ट्रेनर को चिन्हित कर उन्हें प्रशिक्षित करना है। टीचर्स, एनजीओ, व ग्राम पंचायत स्तर पर योग्य व्यक्तियों को इससे जोड़ा जायेगा ताकि यह भगीरथ प्रयास समाज के हर व्यक्ति तक पहुंच सके। फिलहाल वाराणसी में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम मालवीय संवर्धन एवं नवप्रवर्तन केंद्र आईआईटी (बीएचयू) में संचालित होगा। बाद में इसे उत्तर प्रदेश के मुख्य 10 जिलों में लागू किया जाएगा। इसमें करीब एक वर्ष का समय लग सकता है। इसके अलावा यंग स्किल्ड इंडिया, युवाओं के लिए www.YoungSkilledindia.com पर उनकी डिजिटल प्रोफाइल बनाकर, उन्हें अन्य प्रोफेशनल्स के साथ नेटवर्किंग में मदद कर रहा है व लोकल इंटरप्राइजेज को फ्री में जॉब पोस्टिंग व कैंडिडेट की प्रोफाइल फ्री में खोजने व नेटवर्किंग की सुबिधा भी प्रदान कर रहा है, किसी भी युवा को प्रोग्राम से जुड़ने की हेल्पलाइन नंबर है- 7860167876 एवं वेब साइट www.YoungSkilledIndia.com पर भी जाकर जानकारी प्राप्त की जा सकती है.
भारत में मालवीय संवर्धन एवं नवप्रवर्तन केंद्र आईआईटी (बीएचयू) अपनी तरह का पहला ऐसा इनक्यूबेटर है जो बेरोजगारी को लेकर इस तरह की पहल कर रहा है। यह प्रयास देश के युवाओं और उनके माता- पिता के लिए एक नयी उम्मीद की किरण की तरह है7 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न ‘एम्प्लॉयब्ले स्किल्ड इंडिया’ के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ी शुरुआत है।
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