रांची। मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने उच्च, तकनीकी एवं कौशल विकास विभाग की समीक्षा मंगलवार को की। उन्होंने कहा कि राज्य में संचालित और प्रस्तावित इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक कालेजों में डिग्री के साथ-साथ अन्य सामायिक विषयों को भी चयन करें ताकि छात्रों को वर्तमान एवं भविष्य के परिवेश के मुताबिक शिक्षा प्रदान की जा सके।
उन्होंने कहा है कि 2019 तक प्रत्येक प्रमंडल में इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की परिकल्पना को साकार करने के लिए जमीन चिन्ह्ति की जाए तथा उसका डीपीआर बनाया जाय ताकि अगले वित्तीय वर्ष में सभी कालेजों के भवन निर्माण आदि का कार्य प्रारंभ किया जा सके। मौके पर हायर, टेक्नीकल एवं स्किल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के सचिव अजय कुमार ने कहा कि कौशल विकास के लिए 25 मेगा स्किल ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना करने की दिशा में काम चल रहा है। इसके माध्यम से 5 साल में कम से कम 12 लाख लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्य सचिव ने इस दिशा में तेजी से काम करने का निर्देश दिया। मुख्य सचिव ने कहा कि नए कॉलेज खोलने के साथ खाली पड़े पदों को भरने की दिशा में भी तेजी से काम करने की जरूरत है। इस दिशा में भी कार्रवाई शुरू करे।
श्रीमती वर्मा ने निदेष दिया कि जिन संस्थानों र्में अतिरिक्त संस्थागत ढांचा व संसाधन पहले से है, उन संस्थानों में शैक्षणिक वर्ष 2016-18 से सेंकेड षिफ्ट में डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारंभ कराये जाय. विभाग द्वारा बताया गया कि अब तक 03 राजकीय एवं 05 निजी पाॅलीटेक्निक संस्थानों में पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
मुख्य सचिव ने निदेष दिया कि जहां जहां रिक्तियां हैं, उन्हें भरने के लिये विभागीय कार्रवाई प्रारंभ की जाये ताकि नये पाॅलिटेक्निक काॅलेजों को प्रारंभ किया जा सके. मुख्य सचिव ने यह भी निदेष दिया कि आधारभूत संरचना के निर्माण के साथ साथ वैकेंसी को भरने की प्रक्रिया साथ साथ प्रारंभ हो ताकि समय पर संस्थानों को प्रारंभ किया जा सके।
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