धनबाद: राज्य में साढ़े बारह अरब रुपये की लागत से स्थापित होने वाले तीन सेंटर ऑफ एक्सेलेंस की बाबत झारखंड सरकार के उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग से बुधवार को प्रशासनिक मंजूरी मिल गयी। इस काम में झारखंड सरकार का हाथ बंटायेंगी निजी कंपनियां सीमेंस इंडस्ट्री सॉफ्टवेयर (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड व डिजाइन टेक सिस्टम लिमिटेड। इस काम के लिए त्रिपक्षीय करार होना है।
लाभांश भी स्वीकृत
सेंटर ऑफ एक्सेलेंस व 15 तकनीकी संस्थानों के विकास को ले कुल 12 अरब 42 करोड़ 21 लाख की मंजूरी मिल गयी है। इस राशि का 198.86 करोड़ लाभांश भी स्वीकृत हो चुका है. विकास के मद में यह राशि वित्तीय सत्र 2016-17 में ही खर्च होनी है।
क्या होगा स्वरूप
उच्च तकनीकी शिक्षा व कौशल विकास योजना के अंतर्गत झारखंड सरकार सरकारी क्षेत्र के एक अभियंत्रण संस्थान को सेंटर ऑफ एक्सेलेंस के रूप में चुनेगी।
इसके जिम्मे पांच टेक्निकल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट के रूप में सरकारी पॉलिटेक्निक संस्थानों को जोड़ कर संचालित किया जायेगा।
क्या है उद्देश्य
तकनीकी शिक्षा के लिए राज्य के छात्रों का दूसरे राज्यों में पलायन को रोकने तथा कौशल विकास के तहत 2022 तक राज्य में कुल 5.8 लाख युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करना इस कार्यक्रम का मकसद होगा। फिलहाल राज्य में कुल सरकारी व पीपीपी मोड में संचालित 11 इंजीनियरिंग कॉलेज व 16 पॉलिटेक्निक हैं। इनमें प्रति वर्ष केवल 15000 स्टूडेंट्स का ही नामांकन हो पाता है। इनमें से कुल पासआउट 15-20 प्रतिशत स्टूडेंट्स को ही रोजगार मिल पाता है। सरकार की इस नयी योजना से प्रधानमंत्री द्वारा घोषित कौशल विकास योजना के तहत राज्य में रोजगार का नया अवसर मिलेगा।
बीआइटी सिंदरी भी है एक सेंटर ऑफ एक्सेलेंस
बीआइटी सिंदरी (सेंटर ऑफ एक्सेलेंस) के अधीन 5 टेक्निकल इंस्टीट्यूट शामिल होंगे। राजकीय पॉलिटेक्निक धनबाद, राजकीय पॉलिटेक्निक निरसा, राजकीय पॉलिटेक्निक भागा, राजकीय पॉलिटेक्निक दुमका तथा राजकीय पॉलिटेक्निक कोडरमा बतौर स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट होंगे।
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