रांची : उच्च शिक्षा निदेशक अबु रेहान ने कहा कि अाज टेक्नोलॉजी में बदलाव के साथ-साथ जॉब मार्केट भी बदल रहा है। ऐसे में कॉलेजों को चाहिए कि वे छात्रों का स्किल डेवलप करने के साथ-साथ उन्हें ऑटोमेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रॉबोटिक्स के माध्यम से अपडेट रखें। वे बुधवार को संत जेवियर्स कॉलेज सभागार में उच्च विभाग की ओर से फ्यूचर प्लेसमेंट इनीसिएटिव्स एंड एडप्टिव स्ट्रेटजीस इन हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस ऑफ झारखंड विषयक सेमिनार में बोल रहे थे।
निदेशक ने कहा कि विद्यार्थियों को अब कॉलेज स्तर पर ही प्लेसमेंट करने की आवश्यकता है। ऐसे में कॉलेजों को प्लेसमेंट सेल बनाना होगा। रोजगार के अवसरों के बारे में युवाओं को बताना होगा। उन्हें समय की मांग के मुताबिक रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों पर ध्यान देना होगा। सेमिनार में राज्य के 42 कॉलेजों के प्रिंसिपल्स शामिल थे। इस मौके पर डॉ. एस चौधरी, डॉ. अनुभव चक्रवर्ती, प्रियरंजन सिंह, शैताब सिन्हा, आशा लता सिन्हा, प्रिय रंजन सिंह, डॉ. नीतेश राज ने भी विचार रखे। मौके पर प्रो. एमपी सिंह, डॉ. निकोलस टेटे, आरयू के वीसी डॉ. रमेश कुमार पांडेय, कौशल विकास निदेशक रवि रंजन, उच्च शिक्षा के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. संजीव चतुर्वेदी, डॉ. नीतेश राज समेत प्लेसमेंट ऑफिसर विभागीय पदाधिकारी मौजूद थे।
कॉलेज स्तर पर 5 प्रतिशत से कम नौकरी मिल रही है
पीएमयू टीम लीडर डॉ. एमपी सिंह ने कहा कि इस सेमिनार का उद्देश्य कॉलेज प्रबंधन को उनके संस्थान में पढ़ रहे स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट के प्रति जागरूक कराना है। कहा कि आज ग्रेजुएशन के बाद कॉलेज स्तर पर पांच प्रतिशत से भी कम छात्रों को नौकरी मिलती है, ऐसे में जरूरी है कि उच्च शिक्षा विभाग, कॉलेज के प्रधानाचार्य आदि छात्रों को नियोजन योग्य बनाएं। इसके लिए कॉलेजों को इंडस्ट्री के साथ इंटरैक्ट करना चाहिए। कौशल मिशन के निदेशक रवि रंजन ने युवाओं में कौशल विकास बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया। आरयू के वीसी ने आरयू में पढ़ाए जानेवाले रोजगारपरक कोर्सों की जानकारी दी। प्रथम सत्र में अमेटी यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर डॉ. अजीत कुमार पांडेय ने झारखंड में प्लेसमेंट की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला। कॉलेजों के प्रिंसिपल्स को प्लेसमेंट की व्यवस्था करने के लिए किया गया प्रेरित।
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