रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि कौशल विकास मिशन अपने अभियान के तहत 2022 तक 20 लाख युवाओं को रोजगार देना सुनिश्चित करें। इसके लिए बड़ी संख्या में युवाओं को हुनरमंद बनाने की दिशा में प्रतिबद्ध प्रयास किया जाए। मुख्यमंत्री मंगलवार को झारखंड मंत्रालय में आयोजित झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी की दूसरी बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि भवन निर्माण से जुड़े निबंधित श्रमिकों की पेंशन राशि 750 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये होगा। 2022 तक झारखंड से गरीबी समाप्त करना ही नये भारत व नये झारखंड की सोच है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 जनवरी स्वामी विवेकानन्द की जयंती यानि राष्ट्रीय युवा दिवस के दिन राज्य के 25 हजार युवाओं को रोजगार से संबंधित नियुक्ति पत्र सौंपे जायेंगे। रांची में मुख्य कार्यक्रम होगा, जिसमें मुख्यमंत्री स्वयं उपस्थित रहेंगे। यहां रांची व कोल्हान प्रमंडल के युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे जायेंगे। अन्य प्रमंडल मुख्यालय दुमका, मेदनीनगर और हजारीबाग में भी एक साथ कार्यक्रम होंगे, जहां प्रभारी मंत्री उपस्थित रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। जापान जैसे देश को अभी एक लाख कुशल लोगों की जरूरत है। यदि हम अपने युवाओं को प्रशिक्षित कर दें, तो उन्हें विदेशों में भी नौकरी मिल जायेगी।
इस साल 71,400 युवाओं को मिला कौशल विकास का प्रशिक्षण
उच्च शिक्षा व कौशल विकास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि इस वित्तीय वर्ष में अब तक राज्य के 71,400 स्थानीय युवाओं को कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसमें 14688 स्थानीय युवाओं को विभिन्न संस्थाओं में रोजगार दिया जा चुका है। इसके अलावा बड़ी संख्या में अन्य युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया है। इसमें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, पीएमइजीपी आदि के माध्यम से उन्हें ऋण उपलब्ध कराया गया है। इससे वे अपने पैरों पर खड़े हो पा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बड़े पैमाने पर उद्योग, अस्पताल, स्कूल, बड़े मॉल खुलने वाले हैं। इनके लिए हुनरमंद लोगों की जरूरत है। इन्हीं जरूरतों को समझते हुए बच्चों को प्रशिक्षित करें। कंपनी अपनी आवश्यकता के अनुरूप युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दे तथा उन्हें अपनी कंपनी में रोजगार दे। इसके लिए जरूरत हो, तो राज्यस्तरीय नीति (पॉलिसी) बना लें, जो सभी विभागों के लिए मान्य होगी।
शहीद ग्राम में कोई भी परिवार नहीं रहेगा बेरोजगार
दास ने कहा कि राज्य के शहीद ग्राम में किसी भी परिवार में कोई बेरोजगार नहीं रहे। इन ग्रामों को रोजगारयुक्त गांव बनायें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन ग्रामों में टीम बनाकर भेजें, जो बेरोजगारों की सूची तैयार करेगी। इन बेरोजगार युवाओं को उनकी योग्यता व रूचि के अनुसार प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ा जायेगा। शहीद ग्राम में रोजगार मेला लगाकर इन्हें रोजगार से जोड़ा जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भवन निर्माण से जुड़े निबंधित 6।5 लाख मजदूरों के बच्चों को शिक्षा से जोड़ें, ताकि वे अपने परिवार को बीपीएल की श्रेणी से बाहर ला सकें। गरीबी मिटाने के लिए शिक्षा जरूरी है। शिक्षा के अभाव में गरीब के बच्चे भी गरीब ही रह जा रहे हैं और बीपीएल परिवारों को संख्या बढ़ती जा रही है। बच्चों के चिह्नित कर बेहतर से बेहतर सरकारी या निजी स्कूलों में इनका नामांकन करायें। इसी प्रकार बड़े बच्चों को कौशल विकास व उच्च शिक्षा से जोड़ें। इनकी पढ़ाई का शुल्क सरकार वहन करेगी। इन्हें यूनिफार्म और किताबें भी सरकार ही मुहैया करायेगी। इसके लिए श्रमिक मित्रों की सहायता ली जा सकती है।
तेजस्विनी योजना के तहत 14 से 24 वर्ष की महिलाओं को भी कौशल विकास प्रशिक्षण
तेजस्विनी योजना के तहत 14 से 24 वर्ष तक की किशोरियों व युवतियों को भी कौशल विकास देकर रोजगार से जोड़ा जायेगा। इसमें युवतियों की रूचि के अनुसार उन्हें टेक्सटाइल्स, नर्सिंग, रिटेल आदि का प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसमें जनजाति समाज व दलित समाज की बच्चियों पर ज्यादा फोकस करें। इसी प्रकार राज्य के हर पंचायत से 100-100 बेरोजगार युवक-युवतियों की सूची तैयार है, उन्हें वेबसाइट पर अपलोड करायें। इंप्लोयर से उनकी जरूरत के लिए बैठक करें और इन बच्चों को उसी के अनुरूप तैयार करें। इससे इन्हें तुरंत रोजगार मिल जायेगा।
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