राँची : कोविड 19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के बाद देश भर के विभिन्न राज्यों के प्रवासी श्रमिक बड़ी संख्या में अपने अपने राज्यों में वापस लौट आए हैं। केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारें अपने अपने स्तर पर इन मजदूरों की आजीविका एवं रोजगार के विषय पर योजनाएँ तैयार करने में जुट गई हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार को इस योजना के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेन्सी बनाया गया है, तथा कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय एवं अन्य सहयोगी विभागों के साथ अभिषरण कर इस योजना को लागू किया जा रहा है। प्रारंभिक चरण में सामुहिक पहल से देश भर में 50 हजार से अधिक संख्या में वापस लौट कर आने वाले प्रवासी मजदूरों वाले 116 जिलों का चयन किया गया है। झारखण्ड के तीन जिले – गिरिडीह, हजारीबाग और गोड्डा को भी इन जिलों में शामिल किया गया है। देशभर के चयनित 116 जिलों के समान ही झारखण्ड के इन तीन जिलों में भी आजीविका आधारित कौशल प्रशिक्षण अभियान – “गरीब कल्याण रोजगार अभियान ” का क्रियान्वयन किया जाएगा।
विदित हो कि कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अतः झारखण्ड के गिरिडीह, हजारीबाग और गोड्डा जिला में वापस आए प्रवासी श्रमिकों के जीविका के अवसरों को बढ़ाने हेतु स्थानीय स्तर पर स्किल मैपिंग अर्थात् लौटने वाले श्रमिकों की कौशल योग्यता की जानकारी प्राप्त करते हुए कौशल प्रशिक्षण हेतु संभावित जाॅब रोल (कौशल पाठ्यक्रम) चिन्हित करने तथा उद्यम एवं जिलों में उपलब्ध औद्योगिक इकाईयों में अप्रेन्टिशिप की संभावना के लिए सर्वेक्षण हेतु निर्देश प्राप्त हुआ है। इन तीनों जिलों के योग्य लाभार्थियों को लघु अवधि कौशल प्रशिक्षण ( Short Term Skill Development Training ) तथा पूर्व कार्यानुभव सत्यापन प्रशिक्षण (Recognition of Prior Learning) के लिए चार महीने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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झारखण्ड कौशल विकास मिशन सोसाईटी द्वारा उपायुक्त की अध्यक्षता में संबंधित जिला के जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई के साथ समन्वय स्थापित कर योजना के क्रियान्वयन हेतु कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गए प्रपत्रों के माध्यम से डाटा संग्रहण का कार्य शुरू किया गया है। इस विशेष कौशल प्रशिक्षण अभियान के लिए महानगरों से कोविड 19 के कारण वापस लौटने वाले श्रमिकों की पहचान, उनकी कौशल योग्यता की पहचान, श्रमिकों के लिए नए सिरे से कौशल प्रशिक्षण की आवश्यकता आदि की जानकारी प्राप्त की जा रही है। केन्द्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गए आरम्भिक जानकारी के अनुसार इन तीनों जिलों में लौटने वाले प्रवासी मजदूरों में से प्रशिक्षण के योग्य लाभार्थियों की संख्या निम्न है-
जिला (लघु अवधि कौशल प्रशिक्षण / पूर्व कार्यानुभव सत्यापन प्रशिक्षण )
गिरिडीह (951 / 951)
हजारीबाग (850 / 850)
गोड्डा (641 / 641)
झारखण्ड कौशल विकास मिशन सोसाईटी द्वारा उपरोक्त लक्ष्य के साथ-साथ जिलास्तर पर अन्य विभागों तथा कौशल प्रशिक्षण देने वाली एजेन्सियों यथा झारखण्ड राज्य आजीविका संवर्धन सोसाईटी आदि के साथ समन्वय स्थापित कर “गरीब कल्याण रोजगार अभियान ”के क्रियान्वयन हेतु अधिकाधिक लाभार्थियों को चिन्हित करने का कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही झारखण्ड सरकार द्वारा वापस आए प्रवासी श्रमिकों के सतत् आजीविका हेतु केन्द्र सरकार से झारखण्ड के सभी जिलों को कौशल आधारित आजीविका कार्यक्रम चयनित करने का आग्रह भी किया गया है।
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