रांची : कौशल विकास मिशन के अभियान निदेशक (एमडी) रवि रंजन ने कहा कि कौशल विकास से रोजगार के मामले में अपैरल (वस्त्र निर्माण) सेक्टर सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला क्षेत्र है। झारखंड में कौशल विकास के प्रशिक्षण के बाद रोजगार पाये कुल युवाअों में से 30 फीसदी इसी सेक्टर में हैं।
जनवरी में हुए स्किल सम्मिट में कुल 25 हजार युवाअों को रोजगार संबंधी पत्र दिया गया था। इनमें से सिर्फ 13 हजार ने ही विभिन्न कंपनियां ज्वाइन की। बाद में इनमें से भी ज्यादातर लोग होम सिकनेस व अन्य कारणों से काम छोड़ कर वापस आ गये। उन्होंने कहा कि वेतन व अन्य सुविधाअों के मामले में नियोक्ता कंपनियां युवा प्रशिक्षुओं की मजबूरी का लाभ न उठायें। श्री रंजन बुधवार को होटल बीएनआर में आयोजित अपैरल स्किल काॅन्क्लेव में बोल रहे थे।
दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत इसका आयोजन स्किल इंडिया व झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) ने किया था। श्री रंजन ने कहा कि कुछ कंपनियों ने सरकार के सुझाव पर वेतन वृद्धि पर सहमति जतायी है। यह अच्छी बात है।
कौशल विकास मिशन सहित राष्ट्रीय शहरी अाजीविका मिशन (एनयूएलएम) के कम संसाधनों का हवाला देते हुए रवि रंजन ने कहा कि हमें जेएसएलपीएस के साथ अपने संसाधनों को साझा कर काम करना चाहिए। अपरेंटिस के लिए करिकुलम न होने का मुद्दा श्री रंजन ने उठाया व कहा कि इसकी कमी से हमारे प्रशिक्षण का स्तर विश्व स्तरीय नहीं हो सकता। एनयूएलएम के निदेशक आशीष सिंहमार ने कहा कि ट्रेनिंग पार्टनर, इंडस्ट्री व सरकार के साथ ऐसे कार्यक्रमों से न सिर्फ एक दूसरे की अपेक्षा व जरूरतों का पता चलता है, बल्कि इससे कौशल विकास का कार्यक्रम ज्यादा बेहतर व प्रभावी बन सकता है।
श्री सिंहमार ने कहा कि प्रशिक्षण देना आसान काम है, पर असली चुनौती प्रशिक्षण पाये युवाअों को बेहतर रोजगार दिलाने की है। रोजगार मिल जाने के बाद कम से कम एक साल तक हमें इसकी मॉनिटरिंग करनी चहिए। प्रशिक्षण पाये युवाअों को रोजगार देने वाली कंपनी कॉटन ब्लॉज्म, तमिलनाडु के मिल्टन एंब्रोज ने ध्यान दिलाया कि प्रशिक्षण पा रहे युवाअों को भाषा व खान-पान संबंधी बदलाव की जानकारी पहले ही देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षुअों को काम चलाने वाले अंग्रेजी के 15-20 वाक्य जरूर सिखाना चाहिए। मिल्टन ने कहा कि भाषायी समस्या तथा खानपान की अरुचि के कारण भी बच्चे काम छोड़ कर वापस चले आते हैं।
कार्यक्रम में नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएसडीसी) के झारखंड प्रभारी विक्रम दास, कौशल विकास मिशन के ट्रेनिंग पार्टनर एडु एक्सेल के एमडी अभिनव बाल्यान, एएमएचएसएससी के अपर निदेशक डॉ आशीष श्रीवास्तव, एनआइएएम के अध्यक्ष राजीव मेहता तथा रोजगार देने वाली कंपनियां बेस्ट कॉरपोरेशन, तमिलनाडु के राजन व किटेक्स गारमेंट्स, केरल के जॉर्ज एमएल व अन्य ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इससे पहले जेेएसएलपीएस के सीइअो पारितोष उपाध्याय ने ग्रामीण क्षेत्र में कौशल विकास की महत्ता बतायी।
कार्यक्रम के दौरान युवाअों को प्रशिक्षण देने वाले फर्म को प्रशिक्षित करने वालों को सफलतापूर्वक इंटरनेशनल स्किल ट्रेनिंग कोर्स पूरा करने के लिए प्रमाण पत्र दिये गये तथा कौशल विकास का प्रशिक्षण पा रही रामगढ़ की प्रमीला पातर व सिमडेगा की सीता कुमारी ने भी अपने अनुभव सुनाये। कार्यक्रम का संचालन मीनाक्षी शर्मा ने किया। इस अवसर पर उद्योग जगत व ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के प्रतिनिधियों सहित कौशल विकास से जुड़े अन्य लोग उपस्थित थे।
Note: News shared for public awareness with reference from the information provided at online news portals.