कुरुक्षेत्र में खुलेगा हरियाणा का पहला “नेशनल इंस्टीट्यूट आफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंर्फोमेशन टेक्नोलॉजी, (एनआईईआईटी)”

कुरुक्षेत्र (हरियाणा) : स्वर्ण जयंती वर्ष पर केंद्र और राज्य सरकार ने कुरुक्षेत्र को एक और तोहफा दिया है। प्रदेश का पहला नेशनल इंस्टीट्यूट आफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंर्फोमेशन टेक्नोलॉजी, (एनआईईआईटी) कुरुक्षेत्र में खुलेगा।

केंद्र सरकार की तरफ से कुरुक्षेत्र में बेसिक स्किल डेवलपमेंट कोर्स कराने के लिए प्रदेश के इस पहले संस्थान को खोलने की हरी झंडी दी है। इसका खुलासा विधायक सुभाष सुधा ने किया। इस राष्ट्रीय संस्थान में करीब 15 कोर्स शुरू किए जाएंगे। जिनमें चार हफ्ते से लेकर एक साल तक के कोर्स कराए जाएंगे। एनआईईटी के लिए मीनाक्षी गौड़ को डायरेक्टर लगाया है।

पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर तीन साल : एनआईईआईटीअभी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू होगा। तीन साल तक इसे चलाया जाएगा। यदि प्रोजेक्ट को अच्छा रिस्पांस मिलता है और कामयाब हुआ तो इसे स्थाई किया जाएगा। इसके बाद ही फुल कैंपस बनाया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से जमीन मुहैया कराई जाएगी। इसमें सुविधाओं के लिए केंद्र ही फंड मुहैया कराएगा। प्रदेश के तकनीकी शिक्षा विभाग ने उमरी के तकनीकी संस्थान में 10 हजार स्कवेयर मीटर में इस प्रोजेक्ट को शुरू करने का निर्णय लिया है। इस बारे पत्र केंद्र सरकार को भेजा है। वहां से अनुमति मिलते ही संस्थान शुरू हो जाएगा। इसमें 15 से 20 कोर्स कराने की योजना हैं। जिनकी अवधि चार हफ्ते, छह माह और एक साल तक की होगी।

बिल्डिंग को लेकर किया निरीक्षण : एनआईईटी की बिल्डिंग को लेकर तकनीकी शिक्षा विभाग की टीम बाकायदा दौरा कर चुकी है। एडीसी धर्मवीर सिंह ने बताया कि संस्थान को शुरू करने के लिए टीम ने उमरी पालीटेक्निक में कॉलेज के ग्राउंड फ्लोर को कक्षाओं के लिए चुना है।

अगले महीने से शुरू होगा संस्थान

विधायक सुधा के मुताबिक प्रदेश की स्वर्ण जयंती वर्ष में कुरुक्षेत्र को कई तोहफे मिल चुके हैं। जहां एनआईडी इस साल शुरू होगा। वहीं एनआईईटी के रूप में एक और सौगात सरकार ने दी है। अगले एक माह के अंदर एनआईईआईटी को शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि देश में इस तरह के 35 संस्थान युवाओं को कुशल बनाने का कार्य कर रहे हैं। फिलहाल यह संस्थान उमरी के पाली-टेक्निकल संस्थान की बिल्डिंग में शुरू होगा। सुधा के मुताबिक अभी तक हरियाणा में इस तरह का पहले कोई संस्थान नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर देश के प्रत्येक राज्य में कम से कम एक संस्थान खोला जा रहा है।

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