इंदौर (मध्य प्रदेश) : महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिये राज्य शासन ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इसके तहत महिलाओं को स्वरोजगार संबंधी गतिविधियों से जोड़ने के लिये जिला स्तर पर महिला स्वरोजगार एवं रोजगार मेला आयोजित किये जायेंगे। इन मेलों का आयोजन आगामी एक वर्ष के भीतर सभी जिलों में करने के निर्देश दिये गये हैं।
राज्य शासन द्वारा इस संबंध में सभी संभागायुक्तों और कलेक्टरों को परिपत्र जारी कर दिया गया है। पत्र में कहा गया है कि महिला सशक्तिकरण सर्वोच्च प्राथमिकता है। महिलाओं को सामाजिक, राजनैतिक, शैक्षणिक, बौद्धिक एवं आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाना अत्यंत जरूरी है। शासन की मंशा है कि प्रदेश की महिलाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार के व्यापक अवसर प्राप्त हों, साथ ही उन्हें किसी न किसी आर्थिक गतिविधियों से जोड़ा जाये।
महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिये कौशल विकास, रोजगार एवं स्वरोजगार गतिविधियों से जोड़ने के कार्य किये जायें। इसके लिये आगामी एक वर्ष के भीतर जिलों में महिला स्वरोजगार एवं रोजगार मेले लगाये जायें। सभी जिलों में इसके लिये संबंधित विभागों के साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार की जाये। इसमें उद्योग एवं रोजगार, नगरीय विकास, कौशल विकास , आदिम जाति कल्याण विभाग, मत्स्य पालन, कृषि तथा उद्यानिकी आदि विभागों का सहयोग लिया जाये।
कलेक्टर की अध्यक्षता में मेला आयोजन के लिये समिति का गठन किया जाये। जिलों में मेलों के माध्यम से अधिक से अधिक महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाये। रोजगार मेलों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये। महिलाओं को मेले के दौरान उद्यमिता विकास रोजगार के अवसर आदि के बारे में जानकारी दी जाये।
महिलाओं को विभिन्न निजी प्रतिष्ठानों में नौकरी दिलाने के भी प्रयास किये जायें। मेले के दौरान “बैंक में दोस्ती” का काउंटर’ भी लगाया जाये। इस काउंटर के माध्यम से महिलाओं को बैंकिंग गतिविधियों से जोड़ा जाये। उन्हें छोटे-छोटे उद्यम, व्यवसाय प्रारंभ करने के लिये प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया जाये। मेले के माध्यम से ऐसी महिलाओं का चयन किया जाये,जिन्हें कुशल उन्नयन का प्रशिक्षण दिया जाना है। कौशल उन्नयन प्रशिक्षण के बाद उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जायें।
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